पानीपत, 13 अप्रैल (निस)
पानीपत के ट्रांसपोर्टरों पर डीजल सहित अन्य सामानों का रेट बढ़ने से महंगाई की मार पड़ी है। पानीपत ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के करीब 5500 ट्रकों में से करीब आधे ट्रक सेक्टर-25 स्थित ट्रांसपोर्ट नगर और अन्य स्थानों पर खाली खड़े हुए हैं।
वहीं ट्रांसपोर्टर भाड़ा बढ़ाने को लेकर असमंजस में है कि उसको बढ़ाया जाये कि नहीं। ट्रांसपोर्टर धीरेंद्र मलिक ने बताया कि पिछले एक माह में डीजल का भाव करीब 10 रुपए बढ़ चुका है। मुम्बई आने-जाने में एक ट्रक का करीब 9 हजार लीटर डीजल लगता है और डीजल का भाव बढ़ने से सीधे 9 हजार रुपए का एक चक्कर का खर्च बढ़ गया है। इंजन ऑयल के ड्रम का भाव 3-4 माह में 30 हजार से बढ़कर 45 हजार रुपए हो चुका है। टायरों की एक जोड़ी का भाव पहले 45 हजार रुपए था, जोकि अब 47 हजार रुपए हो गया है।
देशभर में एक अप्रैल से सभी टोल बढ़ गये हैं और मुम्बई के एक चक्कर का टोल खर्च अब करीब 2 हजार रुपए बढ़ गया। यूरो 4 से यूरो 6 वाले ट्रकों में डलने वाला डीईएफ का भाव 1300 से 1600 रुपए हो गया। बता दें कि पानीपत का ट्रांसपोर्ट उद्योग यहां की इंडस्ट्री पर निर्भर है और यहां से निर्यात का ज्यादातर माल मुुम्बई पोर्ट पर जाता है और फिर मुुम्बई व गुजरात आदि से कच्चा माल फैक्टरियों के लिये पानीपत आता है। ऑल इडिया ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष धर्मबीर मलिक ने बताया कि सरकार को ट्रांसपोर्टरों की सुध लेनी चाहिए। डीजल के बढ़े भाव व टोल के बढ़े रेट को कम किया जाये ताकि ट्रांसपोर्टरों का काम चलता रहे। यदि यही हाल रहा तो ट्रांसपोर्ट उद्योग बंद हो जाएगा।