पानीपत, 10 दिसंबर (एस)
तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा दिल्ली बॉर्डर पर दिये जा रहे धरने की वजह से पानीपत का घरेलू व निर्यात कारोबार सकंट में है।
दिल्ली में टेक्सटाइल उद्यमियों का माल नहीं जाने और दिल्ली की तरफ से कच्चे माल के नहीं आने से पानीपत के उद्योगपतियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पानीपत का ज्यादातर माल दिल्ली व वाया दिल्ली होकर जाता है। उत्तरी भारत के पंजाब, हिमाचल व जेएंडके को छोड़कर पूरे देश की कनेक्टिविटी दिल्ली से ही है और पानीपत के टेक्सटाइल कारोबार के लिये दिल्ली एक हब के रूप में काम करती है। हालांकि यूपी के गाजियाबाद होकर कुछ ट्रक दिल्ली जा रहे हैं, लेकिन दिल्ली के आसपास जाम रहने से ज्यादातर ट्रांसपोर्टर रिस्क उठाने को तैयार नहीं हैं। इसी के चलते पानीपत में माल की बुकिंग करने वाली गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने दिल्ली व वाया दिल्ली होकर माल भेजने की बुकिंग ही बंद की हुई है।
यदि कोई उद्यमी फिर भी माल की बुकिंग करवाता है तो उसको कहा जा रहा है कि माल कब पहुंचेगा, उसकी गारंटी नहीं है।
कोरोना के चलते पानीपत का टेक्सटाइल घरेलू कारोबार बहुत ज्यादा प्रभावित रहा है, लेकिन दीवाली के करीब एक माह पहले से कारोबार पूरे पीक पर चल रहा था। अब किसान आंदोलन ने उस पर ब्रेक लगा दी है। बता दें कि पानीपत से 80 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा का पूरे देशभर में टेक्सटाइल उत्पादों का घरेलू कारोबार है।
वहीं किसान आंदोलन के चलते कच्चा माल बहुत कम आने से धागे, डाई, कैमिकल व फाइबर आदि के रेट बढ़ चुके हैं। टेक्सटाइल उद्यमियों द्वारा तैयार माल कारोबारियों को भिजवाने के उपरांत ही पेमेंट आती है, लेकिन माल नहीं जाने से उनको अपनी पेमेंट भी लेट होने का डर सता रहा है।
उद्यमी हो रहे परेशान : राकेश चुघ
हरियाणा व्यापार उद्योग मंडल के युवा प्रदेशाध्यक्ष व सीटीएमए के प्रधान राकेश चुघ ने बताया की कोरोना के चलते शहर के कारोबारियों को बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा है और अब दीवाली से 15-20 दिन पहले से घरेलू कारोबार पीक पर चल रहा था, लेकिन किसान आंदोलन के चलते दिल्ली में माल नहीं जाने और कच्चा माल नहीं आने से भारी दिक्कत हो रही है। राकेश चुघ ने कहा कि सरकार को किसानों की समस्या का जल्द समाधान करना चाहिए ताकि पानीपत का कारोबार फिर से सुचारु रूप से चल सके।