पानीपत, समालखा शहरों को मिलेगी आवारा गौवंश से मुक्ति
बिजेंद्र सिंह/निस
पानीपत, 25 अक्तूबर
हरियाणा सरकार सड़कों पर बेसहारा घूमने वाले गौवंश के समाधान को लेकर बेसहारा गौवंश पुनर्वास योजना लेकर आई है। इसके तहत पहले प्रदेश के पांच जिलों पानीपत, गुरुग्राम, हिसार, भिवानी व करनाल को कैटल फ्री किया जाएगा।
पानीपत को भी इस योजना में शामिल करने से अब शहर में बेसहारा गौवंश की वजह से होने वाले हादसों से राहत मिलेगी। इसके तहत हरियाणा गौ सेवा आयोग से रजिस्टर्ड गौशालाओं से सरकार द्वारा पहले सहमति मांगी जा रही है।
पानीपत शहर व समालखा में करीब तीन हजार गौवंश सड़कों, गलियों व कालोनियों में बेसहारा घूम रहा है। इन्हीं गौवंश की वजह से कई बार हादसे होते हैं और पानीपत में बेसहारा गौवंश की वजह से हादसा होने से कई लोगों की जान जा चुकी है व कई लोग घायल हो चुके हैं। पानीपत जिला की 27 गौशालाएं गौ सेवा आयोग से पंजीकृत हैं और इन्हीं में से अब तक 8 गौशालाओं के प्रधानों ने 4 हजार बेसहारा गौवंश को रखने की सहमति दे दी है।
हालांकि पशु पालन विभाग ने पानीपत में करीब 3 हजार बेसहारा गौवंश का लक्ष्य रखा है, पर सहमति 4 हजार की मिल चुकी है। गौशालाओं द्वारा बेसहारा गौवंश को इसलिए नहीं रखा जाता था कि सरकार द्वारा उसके लिये कोई राशि नहीं मिलती थी, लेकिन अब
सरकार ने बेसहारा गौवंश को रखने के लिये राशि देने की बात कही तो गौशाला वाले भी बेसहारा गौवंश को रखने को तैयार हो गये।
सरकार देगी प्रति गौवंश के अनुसार राशि
योजना के तहत सरकार द्वारा एक वर्ष तक आयु के गौवंश के चारे के लिये 20 रुपये, गाय के लिये 30 और सांड के लिये 40 रूपए रोजाना दिये जाएगे। योजना के तहत सहमती देने वाली गौशाला को कम से कम 100 गौवंश को रखना जरूरी होगी। वहीं सरकार द्वारा जिस गौशाला में शेड आदि की जरूरत है तो उसके लिये भी सरकार द्वारा अनुदान दिया जाएगा।
सरकार अनुदान देगी तो रखने को तैयार : रविंद्र कादियान
सिवाह गौशाला एवं पानीपत की गौशालाओं के जिला प्रधान रविंद्र कादियान ने कहा कि सरकार अपने सहमति पत्र के अनुसार 20, 30 व 40 रुपये प्रति गौवंश रोजाना चारे के लिये और जिस गौशाला में शेड आदि बनाने की जरूरत है, वहां पर शेड के लिये भी अनुदान देती है तो जिला की गौशालाएं बेसहारा गौवंश को रखने के लिये तैयार है।
पशुपालन विभाग के उप निदेशक बोले
पशुपालन विभाग के उप निदेशक डा. संजय आंतिल ने कहा कि पानीपत व समालखा शहरों के लिये करीब 3 हजार बेसहारा गौवंश का लक्ष्य रखा गया है और बुधवार तक करीब आठ गौशालाओं की 4 हजार से भी ज्यादा गौवंश के रखने को लेकर सहमति मिल चुकी है। इसके लिये 26 अक्तूबर को चंडीगढ़ में सभी पांचों जिलों के डीसी, शहरी स्थानीय निकाय व पशु पालन विभाग के डीजी सहित सीनियर अधिकारियों की बैठक होगी।