नवीन पांचाल/हप्र
गुरुग्राम, 5 जून
सोहना तहसील में घामड़ोज गांव की साढ़े चार एकड़ पंचायती जमीन विभागीय अधिकारियों से मिलीभगत करके बिल्डर को बेचने के आरोप लगे हैं। शिकायत के बाद आनन-फानन में विभाग के अधिकारी मामले को रफा-दफा करने में जुट गए। रजिस्ट्री को ‘गलत’ बताकर इसे रद्द करने की तैयारी की जा रही है।
डीसी ने दो करोड़ रुपये लेने के आरोपों की जांच एसडीएम से करवाने की बात कही है। दिल्ली-वड़ोदरा एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा के पास घामड़ोज गांव की पंचायती जमीन है। इस जमीन को पंचायत ने काफी समय पहले कुछ लोगों को आजीविका अर्जन के लिए दिया था। घामड़ोज गांव की उक्त क्षेत्र डवलेपमेंट प्लान के अनुसार रेजीडेंशियल जोन में स्थित हैं और यहां जमीन की कीमत करोड़ों में है। आरोप है कि गुपचुप तरीके से 6 मई 2022 को करीब साढ़े चार एकड़ जमीन की रजिस्ट्री सोहना तहसील में पेश कर दी। आरोप है कि राजस्व रिकाॅर्ड की अनदेखी करते हुए भू माफिया व बिल्डर के साथ मिलीभगत करते हुए राजस्व अधिकारियों ने जमीन की रजिस्ट्री भी कर दी। अाधिकारिक रिकाॅर्ड के अनुसार जमीन 15 करोड़ 78 लाख में बेची गई है और सरकार को एक करोड़ 11 लाख रुपये स्टांप ड्यूटी व रजिस्ट्रेशन फीस के चुकाए गए हैं। शिकायतकर्ता प्रवीण कुमार का आरोप है कि सारे कायदे-कानूनों की अनदेखी करते हुए एक महीने तक इस रजिस्ट्री को उजागर ही नहीं होने दिया गया।
”तहसील में बहुत सारे दस्तावेज होते हैं, इन पर ध्यान नहीं गया। मामला सामने आया तो रजिस्ट्री कैंसिल करवाने की कार्रवाई शुरू कर दी। दोनों पार्टियों को नोटिस देकर इसकी जानकारी दे दी। पैसों के लेनदेन के आरोप गलत हैं।”
-शिखा गर्ग, तहसीलदार, सोहना
”मामला मेरी जानकारी में आया है। तहसीलदार ने रजिस्ट्री रद्द करने की सिफारिश की है। इसे रद्द कर किया जाएगा। पैसों के लेनदेन के मामले की जांच एसडीएम से करवाई जाएगी। ”
-निशांत यादव, डीसी,गुरुग्राम