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‘पाल गडरिया समाज बच्चों की शिक्षा को दे सर्वोच्च प्राथमिकता’

31 मई को मातेश्वरी अहिल्याबाई के जन्मोत्सव पर कुरुक्षेत्र में होगा समारोह
चंडीगढ़ में मातेश्वरी अहिल्याबाई के चित्र पर पुष्प अर्पित करते सीएम नायब सैनी।
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चंडीगढ़, 22 मई (ट्रिन्यू)

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पाल गडरिया समाज के लोगों से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। ज्ञान ही वह शस्त्र है जो हर बंधन को तोड़ सकता है।

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मुख्यमंत्री मातेश्वरी अहिल्याबाई के 300वें जन्मोत्सव पर जनजागरण अभियान की शुरुआत करते हुए पाल गडरिया समाज के लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने मातेश्वरी अहिल्याबाई के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अहिल्याबाई के जन्मोत्सव पर शुरू हुआ जनजागरण अभियान 31 मई तक चलेगा और 31 मई को मातेश्वरी अहिल्याबाई के जन्मोत्सव पर कुरुक्षेत्र में विशाल समारोह के साथ संपन्न होगा।

उन्होंने कहा कि पाल गडरिया समाज में भारत की महान परंपराओं, संस्कृति और श्रमशीलता की जीवंत तस्वीर दिखाई देती है। यह समाज पीढ़ियों से भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ रहा है। पाल गडरिया समाज का अतीत और परम्पराएं गौरवशाली रही हैं। इस समाज के लोग होलकर वंश के प्रतिनिधि हैं, जिसका मध्य प्रदेश के इंदौर में बहुत लम्बे समय तक शासन रहा है। इसी समाज ने मल्हारराव होलकर जैसे योद्धा और मातेश्वरी अहिल्या बाई जैसी वीरांगनाएं दी हैं।

उन्होंने कहा कि जब हम 'आत्मनिर्भर भारत' की बात करते हैं, तो इसके निर्माण में पाल गडरिया समाज जैसे मेहनतकश समुदायों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण हो जाती है। आप लोगों ने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने श्रम, आत्मबल और निष्ठा से यह सिद्ध किया है कि गांव-गांव में अगर भारत बसता है, तो उसमें आपकी मेहनत की महक अवश्य होती है। उन्होंने कहा कि हमारे देश का दुर्भाग्य रहा है कि आजादी के बाद दशकों तक जानबूझकर कुछ वर्गों को नजरअंदाज किया गया।

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