चंडीगढ़, 5 नवंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार धान खरीद को अब बंद करने की तैयारी में है। ऐसे में बड़ी संख्या में मंडियों को बंद किया जा सकता है। इस बाबत धान बाहुल्य जिलों के डीसी से रिपोर्ट मांगी गई है। डीसी की रिपोर्ट के बाद सरकार फैसला करेगी। अभी तक मंडियों में 52 लाख टन से अधिक धान की खरीद हो चुकी है। वहीं पड़ोसी राज्यों के किसानों का धान हरियाणा सरकार इस बार नहीं खरीद रही।
प्रदेश में इस बार धान की खरीद थोड़ा देर से शुरू हुई, लेकिन सरकार लक्ष्य के नजदीक पहुंच चुकी है। पिछले साल करीब 60 लाख टन धान सरकार ने खरीदा था। इस बार 65-70 लाख तक की खरीद का टारगेट था। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने बताया कि सभी जिलों के डीसी से धान को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट आने के बाद ही धान खरीद को लेकर फैसला लिया जाएगा।
डीसी को यह बताने को कहा है कि उनके जिले में कितना और धान अभी मंडियों में आने की उम्मीद है। विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से सिरसा में किसानों की धान अभी मंडियों में आने की उम्मीद है। बाकी अधिकांश जिलों में धान खरीद लगभग पूरी हो चुकी है। दिवाली की वजह से चार दिन मंडियों में खरीद बंद रहेगी। सोमवार से मंडियों में फिर से खरीद शुरू होगी।
सरकार ने पंद्रह नवंबर तक धान खरीद का फैसला लिया था। माना जा रहा है कि जिलों से डीसी की रिपोर्ट आने के बाद कुछ मंडियों को बंद किया जा सकता है। प्रदेश में 195 मंडियों में धान की खरीद हुई। अभी तक किसानों को धान खरीद की एवज में 9 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान हो चुका है। करीब 1100 करोड़ रुपये की पेमेंट बकाया है।
पंजाब, यूपी के किसानों ने भी कराया रजिस्ट्रेशन
पंजाब व उत्तर प्रदेश के 62 हजार के करीब किसानों ने हरियाणा की मंडियों में धान बेचने के लिए ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया है। पिछले साल तक सरकार पड़ोसी राज्यों की फसलों की खरीद करती थी। इस बार केंद्र सरकार ने पहले ही निर्देश दे दिए थे कि हरियाणा केवल अपने यहां के किसानों की धान खरीदेगा। ऐसे में पड़ोसी राज्यों के जिन किसानों ने पंजीकरण करवाया है, उनकी धान हरियाणा नहीं खरीदेगा।