धान की फसल : मंडियों में आ रही शिकायतों का सरकार ने लिया संज्ञान
मुख्य सचिव ने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक मंडी में एक एचसीएस स्तर का अधिकारी नियुक्त किया जाए, जो मंडी की गतिविधियों की निगरानी करेगा। इसके साथ ही, जिला उपायुक्तों को 27 सितंबर 2025 से स्वयं मंडियों का दौरा कर ग्राउंड रिपोर्ट लेने और स्थिति का जायजा लेने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही जिला उपायुक्तों को गेट पास, पोर्टल और उठान संबंधी प्रक्रियाओं को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव ने मार्केटिंग बोर्ड के चीफ एडमिनिस्ट्रेटर, निदेशक खाद्य आपूर्ति, हैफेड और कॉन्फैड के प्रबंध निदेशक, तथा वेयरहाउसिंग के प्रबंध निदेशक को व्यक्तिगत रूप से सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए हैं। इन सभी वरिष्ठ अधिकारियों को अपने-अपने विभागों की तैयारियों और प्रबंधन की समीक्षा करने के साथ-साथ कम से कम दो-दो मंडियों का दौरा करने का आदेश दिया गया है।
दौरों के दौरान ये अधिकारी मंडियों में व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे और किसी भी कमी को तुरंत दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। हरियाणा सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसानों के हित सर्वोपरि हैं। धान की खरीद प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक किसान को उसकी उपज का उचित मूल्य समय पर प्राप्त हो और मंडियों में सभी प्रक्रियाएं पारदर्शी और सुगम रहें। इसके लिए सभी संबंधित विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए कहा गया है। मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपनी प्रगति रिपोर्ट नियमित रूप से प्रस्तुत करें। इसके अतिरिक्त, मंडियों में किसानों की सुविधा के लिए सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे। सरकार ने किसानों से भी अपील की है कि वे किसी भी समस्या के मामले में स्थानीय मंडी अधिकारियों या जिला उपायुक्त कार्यालय से संपर्क करें।