दिनेश भारद्वाज
चंडीगढ़, 17 अक्तूबर
हरियाणा की ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारी विशेष रूप से इंस्पेक्टर अब ओवरलोड और कमर्शियल वाहन चालकों के साथ किसी तरह की ‘सैटिंग’ नहीं कर सकेंगे। इससे निपटने का पुख्ता इंतजाम सरकार ने कर लिया है। वाहनों की चेकिंग के दौरान इंस्पेक्टर को अपने शरीर पर ‘बॉडी कैमरा’ लगाना होगा। चेकिंग के दौरान न तो कैमरे को बंद किया जा सकेगा और न ही इसकी लोकेशन में किसी तरह का बदलाव को पाएगा।
बिना अथॉरिटी को सूचित किए चेकिंग भी नहीं हो सकेगी। सैटिंग करके ओवरलोड वाहनों को छोड़ने के मामलों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। बॉडी कैमरे में वीडियो के साथ-साथ आडियो भी होगी। इसका फायदा यह होगा कि चेकिंग करने वाले इंस्पेक्टर व मौके पर मौजूद वाहन ड्राइवर या मालिक के साथ होने वाली पूरी बातचीत रिकार्ड होगी। विभाग इस ऑडियो-वीडियो को कभी भी देख और सुन सकेगा। इंस्पेक्टरों पर नजर रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।
ओवरलोड होकर चलने वाले वाहन चालकों का ‘जुगाड़’ भी अब नहीं चल सकेगा। आमतौर पर कांटों पर सैटिंग करके गाड़ी की क्षमता के हिसाब से वजन की पर्ची कटवा ली जाती थी, लेकिन अब सरकार ने ‘आटोमैटिक प्रोटेबल स्केल’ सड़कों पर लगाने का फैसला लिया है। परिवहन विभाग द्वारा ऐसे 45 स्केल खरीदे भी जा चुके हैं। एक ईंच से भी कम ऊंचाई वाले ये स्केल सड़क के बीचों-बीच बिछा दिए जाएंगे। वाहन चालक जब इसके ऊपर से गुजरेगा तो रोड के साइड में लगे स्केल पर उसका वजन डिस्पले हो जाएगा। अहम बात यह है कि वाहन चालक को सड़क पर पड़े इस स्केल के बारे में पता भी नहीं लगेगा।
6 जिलों में इंस्पेक्शन और सर्टिफिकेशन सेंटर
चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत में सीएम ने कहा कि माल ढोने वाले वाहनों की फिटनेस जांच के लिए इंस्पेक्शन व सर्टिफिकेशन सेंटर बनेंगे। अभी तक एमवीआई (मोटर व्हिकल इंस्पेक्टर) सड़क किनारे बैठकर ही फिटनेस सर्टिफिकेट देते रहे। रोहतक में इंस्पेक्शन व सर्टिफिकेशन सेंटर बनाया जा चुका है। सरकार ने 150 करोड़ की लागत से अंबाला, गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल, रेवाड़ी व हिसार में भी गाड़ियों का फिटनेस चैकअप इलैक्ट्रॉनिक तरीके से करने के लिए सेंटर स्थापित करने का फैसला लिया है। अगले एक साल में ये सेंटर शुरू कर दिए जाएंगे। अनफिट वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं मिलेंगे।
11 जिलों में आटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक
ड्राइविंग लाइसेंस के लिए राज्य के 11 जिलों में आटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनेंगे। कुल 30 करोड़ रुपये की लागत इन सेंटरों पर आएगी। पहले चरण में कैथल, बहादुरगढ़ (झज्जर), रोहतक, फरीदाबाद, नूंह, भिवानी, करनाल, रेवाड़ी, सोनीपत, पलवल व यमुनानगर जिलों में ये सेंटर बनेंगे ताकि ड्राइविंग टेस्ट से यह पता लग सके कि ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करने वाले व्यक्ति को गाड़ी चलानी आती भी है या नहीं। यह टेस्ट पूरी तरह से आटोमैटिक तरीके से होगा। सीएम ने कहा कि बिना टेस्टिंग किसी को भी लाइसेंस नहीं मिलेगा।