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शराब के 55 जोन में से 15 की हुई नीलामी

ठेके पर हुई फायरिंग के बाद ठेके लेने में अभी भी संकोच कर रहे ठेकेदार
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यमुनानगर, 30 जून (हप्र)

शराब के ठेके पर हुई फायरिंग के बाद शराब के ठेकेदार ठेके लेने के लिए आगे आने में अभी भी संकोच कर रहे हैं। हालांकि सात बार हुई ई-नीलामी के बाद 55 में से मात्र 15 जोन के लिए ही ठेकेदार आगे आए हैं, जिन्हें शराब के ठेके अलाॅट किए गए हैं। आबकारी विभाग ने शराब के 45 में से 5 जोन के ठेकों की नीलामी कर दी। 5 जोन के ठेके 44 करोड़, 92 लाख, 99 हजार, 555 रुपये में बिके। इन ठेकों का रिजर्व प्राइस 44 करोड़, 80 लाख, 4 हजार रुपये निर्धारित किया गया था। इन ठेकों की नीलामी से आबकारी विभाग को रिजर्व प्राइस से 12 लाख, 95 हजार, 555 रुपये ज्यादा मिले हैं। बाकी के 40 जोन के ठेकों की नीलामी के लिए आबकारी विभाग द्वारा 1 जुलाई को ई-नीलामी की जाएगी।

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सभी ठेकों की नीलामी न होने से जिले में शराब तस्करी काफी बढ़ गई है। इससे पहले 55 जोन में 110 ठेकों में से अब तक केवल 10 जोन के 20 ठेके ही नीलामी हुए थे। जिन ठेकों पर अभी शराब बिक रही है, उनमें व्यासपुर छौली जोन, जगाधरी बस स्टैंड, असगरपुर, सढौरा कस्बा का मुख्य ठेका, सढौरा 2 जोन ठेका, वाकरवाला कोट ठेका, मंधार-मुसिंबल जोन, सारन-सरस्वतीनगर जोन, मानकपुर-मुकारबपुर जोन, बस स्टैंड जगाधरी एसएल मार्केट जोन शामिल हैं। जिले में शराब ठेकों के कुल 55 जोन हैं। इनका रिजर्व प्राइस 485 करोड़ रुपए रखा गया था। बढ़-चढ़ कर बोली लगेगी, इसलिए आबकारी विभाग ने करीब 500 करोड़ रुपए का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा था।

चार जून को केवल 10 जोन की नीलामी हो सकी। इनका रिजर्व प्राइस 81.01 करोड़ रुपए था, लेकिन बोली 82.76 करोड़ रुपए लगी। शेष 45 जोन के लिए बार-बार ई-नीलामी कराई गई, इनमें से शुक्रवार को पांच जोन और बिक गए। 12 जून से प्रदेश में नई शराब पॉलिसी लागू हो चुकी है। 90 ठेकों की नीलामी नहीं हो पाई थी, इसलिए आबकारी विभाग ने 12 जून को ही उन्हें सील कर दिया था। तब से इन पर ताला लटका हुआ है। 45 जोन के ठेकों का रिजर्व प्राइस 403.76 करोड़ रुपए रखा गया था। अब 40 जोन बकाया हैं।

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