चंडीगढ़, 17 दिसंबर (ट्रिन्यू)
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन में आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों का मुद्दा उठाया। हुड्डा ने जलभराव की समस्या से जूझ रहे किसानों का मुद्दा भी उठाया और सरकार से किसानों को हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग की। सत्र के बाद मीडिया से बातचीत में हुड्डा ने कहा कि सरकार कई मुद्दों पर चर्चा से भाग रही है, इसलिए कांग्रेस विधायकों की तरफ से दिए गए कई प्रस्तावों को खारिज कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक पूरी तैयारी के साथ सत्र में आए हैं और वे सरकार को जवाब देने के लिए मजबूर कर देंगे। इससे पहले, हुड्डा की अध्यक्षता में उनके सरकारी आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। इसमें सदन में उठाए जाने वाले मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। कांग्रेस विधायकों की तरफ से एचएसएससी-एचपीएससी भर्ती घोटाले, डीएपी और यूरिया की किल्लत, कानून व्यवस्था की खस्ता हालत, यूनिवर्सिटीज की भर्तियों में हस्तक्षेप, बढ़ती बेरोजगारी, सड़कों की हालत, महंगाई, जलभराव और नंबरदारों की नियुक्ति जैसे मुद्दों पर काम रोको और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया गया।
एक सवाल के जवाब में हुड्डा ने कहा कि प्रदेश की जनता के सामने समस्याओं का अंबार लगा है। युवा रिकॉर्ड बेरोजगारी और भर्ती घोटालों की मार झेल रहा है। विपक्ष की तरफ से पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज की निगरानी में करवाने की मांग की जा रही है, लेकिन सरकार इससे भाग रही है। इससे स्पष्ट है कि खुद सरकार की भूमिका संदेहास्पद है। सिर्फ एचपीएससी का डिप्टी सेक्रेटरी इतने बड़े भर्ती घोटाले को अंजाम नहीं दे सकता। हुड्डा ने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए विपक्ष प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था का मुद्दा भी सदन में उठाएगा। प्रदेश के अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 70 प्रतिशत, स्वास्थ्य विभाग में 10 हजार पद खाली होने और शिक्षा विभाग में रिक्त पड़े पदों पर भी सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
सेना में अहीर रेजिमेंट का मुद्दा
कांग्रेस विधायक कुलदीप वत्स तथा चिरंजीव राव ने सेना में अलग से अहीर रेजिमेंट बनाने की मांग सदन में उठाई। वत्स ने कहा कि सरकार को चाहिए कि फरवरी 2016 के जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज हुए केस भी वापस ले। वत्स ने कहा कि आर्मी में अहीर रेजिमेंट बनाना समय की जरूरत है। सेना में यादव समाज के युवाओं की काफी अधिक भागीदारी है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह विधानसभा में प्रस्ताव पास करके केंद्र सरकार को भेजे। इसी मुद्दे को चिरंजीव राव ने भी उठाया।