हमारी लड़ाई कुलपति और विवि प्रशासन से, पार्टी विशेष या सरकार से नहीं : छात्र संगठन
हिसार, 19 जून (हप्र)
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का आंदोलन बृहस्पतिवार को नौवें दिन में प्रवेश कर गया और विद्यार्थियों ने किसान प्रतिनिधियों के साथ मिलकर सांकेतिक भूख हड़ताल की। इस आंदोलन को जातीय रंग देने वालों को जवाब देते हुए कहा कि उनकी जाति और उनका धर्म सिर्फ छात्र हैं। विद्यार्थियों ने बृहस्पतिवार शाम को पत्रकारों से बातचीत में स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई कुलपति व विवि प्रशासन से है न कि किसी पार्टी विशेष या सरकार के खिलाफ। उन्होंने कहा कि उनका सिर्फ एक ही सवाल है कि प्रोफेसर और सिक्योरिटी गार्ड के हाथों में डंडे किसके आदेश पर दिए गए और वह किस कानून के तहत दिए गए। यदि कुलपति के आदेश पर यह सबकुछ हुआ है तो उनको इस पद पर रहने का अधिकार नहीं है और यदि उनके आदेश पर नहीं हुआ है तो वे ऐसे कुलपति हैं जिनकी प्रशासन पर पकड़ नहीं है, ऐसी स्थिति में भी उनका पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। कुलपति बीआर काम्बोज के इस पद पर रहते हुए यहां के विद्यार्थी अपने आप को असुरक्षित महसूस करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नारनौंद से विधायक जस्सी पेटवाड़ ने एक दिन की भूख हड़ताल की घोषणा की थी लेकिन छात्र आंदोलन में राजनीति ना हो, इसलिए उनको ऐसा करने से मना कर दिया गया। कुछ लोग इस आंदोलन को भटकाने के लिए कई तरह के आरोप लगा रहे हैं।
कुलपति को मांगनी चाहिए माफी : अभय
छात्रों के धरने को समर्थन देने आए इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला ने कहा कि यहां कुलपति छात्रों को करियर खराब करने की धमकी दे रहा है जबकि उसको बच्चों से माफी मांगनी चाहिए कि उससे गलती हो गई। कुलपति विद्यार्थियों का करियर बनाता है न कि खराब करने की सोचता है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नीति रही है कि आंदोलन को लंबे समय तक चलाया जाए ताकि वह कमजोर हो जाए लेकिन जिस तरह किसान आंदोलन में प्रधानमंत्री को माफी मांगनी पड़ी, उसी तरह इस आंदोलन में भी कुलपति को यहां आकर माफी मांगनी पड़ेगी।