चंडीगढ़, 23 मई (ट्रिन्यू)
हरियाणा सरकार की हरसंभव कोशिश है कि प्रदेश में हर मरीज की जिंदगी को बचाया जाए। इलाज में गरीबी अब किसी भी तरह से बाधक नहीं बनेगी। कोरोना पीड़ित बीपीएल व गरीब परिवारों का उपचार मुफ्त में होगा। इलाज का पूरा खर्चा सरकार उठाएगी। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को यहां कहा कि हम जानते हैं, केवल सरकारी अस्पतालों से महामारी का सामना नहीं हो सकता। इसलिए हमने प्राइवेट अस्पतालों को भी इलाज में शामिल किया है। उन्होंने कहा कि गरीब लोग प्राइवेट अस्पताल का खर्च नहीं उठा सकते। इसलिए सरकार ने खर्च को भी वहन करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य हर हालत में हर मरीज की जिंदगी बचाना है, क्योंकि हर जिंदगी अनमोल है। प्रदेश के गरीब परिवारों में कोरोना का दोहरा खौफ था। एक तरफ उनकी आय सीमित अथवा बंद ही हो गई और दूसरी तरफ बीमारी की हालत में वे इलाज का खर्च भी नहीं उठा सकते थे। इसी को देखते हुए सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में भी गरीबों के मुफ्त उपचार का फैसला लिया है। इससे उन लाखों परिवारों को कोरोना के अंधकार में उम्मीद की किरण दिखाई दे रही है, जिनके पास इलाज के लिए कोई पैसा नहीं है। इससे पहले होम आइसोलेशन में ही उपचार करवा रहे बीपीएल व गरीब परिवार के लोगों को 5-5 हजार रुपये की आर्थिक मदद का ऐलान सरकार पहले ही कर चुकी है।
प्रदेश के गरीब परिवारों को परिवार पहचान-पत्र पोर्टल से जोड़ा गया है। उन्हें मिलने वाली सब प्रकार की आर्थिक सहायता उनके बैंक खातों में दी जा रही है। इन परिवारों के बैंक खाते किसी कारण से परिवार पहचान पत्र पोर्टल पर सत्यापित नहीं हो पाए हैं। उन्हें उनके मोबाइल नंबर पर आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए एसएमएस संदेश भेजे जा रहे हैं। गरीब परिवारों के कोविड से मरने पर सरकार ने परिजनों को 2-2 लाख रुपये की आर्थिक मदद का फैसला लिया है। पहली मार्च, 2021 से 31 मई तक 18 से 50 वर्ष की आयु के व्यक्ति की कोविड से मृत्यु होने पर बीपीएल परिवार को 2 लाख रुपये की राशि का एक्सग्रेशिया अनुदान मिलेगा। सरकार ने अब तक 2593 ऐसे बीपीएल मरीजों की पहचान की है, जो इस समय अवधि में उपचाराधीन थे। उनमें से 24 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। इनका सत्यापन स्वास्थ्य विभाग कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 मई के बाद कोविड सहित किसी भी कारण से मृत्यु के मामले में 2 लाख रुपये का बीमा करवाने की योजना शुरू की है। योजना में बीपीएल अथवा 1 लाख 80 हजार रुपये तक सालाना आय वाले परिवार के 18 से 50 वर्ष की आयु के व्यक्तियों के पंजीकरण के लिए मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना का पोर्टल 15 मई से पुन: खोला गया है।
आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों को अतिरिक्त धनराशि
मुख्यमंत्री ने बताया कि कोविड-19 के उपचार के लिए अस्पताओं को अतिरिक्त संसाधनों पर खर्च करना पड़ता है, जिससे इलाज पर खर्च भी बढ़ जाता है। इसे देखते हुए ‘आयुष्मान भारत योजना’ में सूचीबद्ध कोविड के इलाज के लिए अधिकृत अस्पतालों को 20 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान कर रही है ताकि गरीब के इलाज में पैसे की तंगी के कारण कोई कमी न रह जाए। प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों के कोविड-19 के उपचार के लिए 261 सूचीबद्ध अस्पताल हैं। गरीब परिवार को महामारी के दौर में भारी अर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए सरकार ने एएवाई, बीपीएल और ओपीएच राशन कार्ड धारकों को वितरित की जा रही आवश्यक खाद्य वस्तुओं के अतिरिक्त मई व जून महीने में 5 किलोग्राम गेहूं प्रति सदस्य नि:शुल्क उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है।
अब ‘संजीवनी’ परियोजना से होगा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
चंडीगढ़, 23 मई (ट्रिन्यू)
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोविड-19 के मरीजों के लिए नई पहल करेंगे। ‘संजीवनी’ नामक इस परियोजना में कोविड-19 के हल्के से मध्यम लक्षणों वाले मरीजों की देखभाल तुरंत उनके घर पर ही की जाएगी। इससे उन्हें इलाज के लिए घर से नहीं निकलना होगा और न ही अस्पताल जाना पड़ेगा। सरकारी प्रवक्ता ने रविवार को यहां बताया कि यह कार्यक्रम अत्यधिक जरूरतमंद लोगों की तत्काल जरूरी चिकित्सा देखभाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। परियाेजना को पायलट आधार पर करनाल जिले में शुरू किया जाएगा। आने वाले हफ्तों में इसे कई कई अन्य जिलों में भी लागू करने की तैयारी है। ‘संजीवनी’ उन ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा देखभाल का विस्तार करेगी, जहां वायरस की दूसरी लहर के फैलने और इस बीमारी के इलाज के बारे में जागरूकता कम है।
संजीवनी परियोजना के जरिए जिला प्रशासन की मदद भी होगी। परियोजना के जरिए पूरी स्वास्थ्य प्रणाली पर पैनी नजर रखी जाएगी। योजना अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता, ऑक्सीजन आपूर्ति, एम्बुलेंस ट्रैकिंग और घर-घर जागरूकता अभियान जैसे अहम संसाधनों के प्रबंधन के लिए एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र प्रदान करेगी। कोरोना मरीजों को बुनियादी प्रशिक्षण दिया जाएगा और मौजूदा काॅल सेंटरों की क्षमता बढ़ाई जाएगी।
मेडिकल इंटर्न के अलावा 200 मेडिकल फाइनल ईयर प्री-फाइनल ईयर छात्रों को जुटाकर उन्हें सलाहकारों और विशेषज्ञों से जोड़कर योग्य डॉक्टरों से भी बढ़कर चिकित्सा सलाह के दायरे का विस्तार किया जाएगा। परियोजना कोविड-19 के हल्के से मध्यम मरीजों को उपचार और निगरानी प्रदान करने के लिए टेली-मेडिसिन व आभासी स्वास्थ्य क्षमताओं को बढ़ाएगी। मरीज द्वारा पहली बार टेली-मेडिसिन व आभासी स्वास्थ्य माध्यमों से संपर्क करने से लेकर उसके पूर्ण स्वस्थ होने तक परामर्श, जांच रिपोर्ट, रोगी के स्वास्थ्य सुधार और परीक्षण परिणामों की निगरानी जैसी गतिविधियों को सुविधाजनक बनाएगी।