शिकायतकर्ता को 5 हजार मुआवजा देने के आदेश
जोनल प्रशासक कार्यालय द्वारा बार-बार की गई अस्वीकृतियां और देरी पूर्णतः अनुचित थीं और यह शिकायतकर्ताओं के साथ प्रत्यक्ष रूप से उत्पीड़न के समान है। आयोग ने इस मामले में 9 जून, 2023 से 5 अप्रैल, 2024 तक कार्यभार में रहे सभी जोनल प्रशासकों के खिलाफ अपनी कड़ी नाराज़गी दर्ज की है। हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम-2014 की धारा 17(1)(ह) के अंतर्गत आयोग ने शिकायतकर्ता को 5 हजार रुपये मुआवज़ा देने के निर्देश हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को दिए हैं।
यह राशि हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को प्रारंभ में स्वयं वहन करनी होगी और फिर संबंधित अधिकारियों से वसूली करनी होगी। आयोग ने एसजीआरए-सह-प्रशासक (मुख्यालय) के कार्यालय में भी गंभीर लापरवाही पाई। जहां एक ऑफलाइन अपील, जिसे भवन में ही बैठे अधिकारी को भेजा गया था, पंजीकृत डाक से भेजने के बाद लापता हो गई। आयोग ने इसे प्रशासनिक शिथिलता का गंभीर उदाहरण बताते हुए एसजीआरए द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण को अस्वीकार कर दिया है।