हिसार, 10 मई (हप्र)
बिश्नोई सभा के विवाद में 685 आजीवन सदस्य बनाने के आदेश के मामले की समीक्षा करते हुए अब फर्म एवं सोसायटी के जिला रजिस्ट्रार ने 195 उन लोगों को सदस्यता देने के आदेश दिए हैं जिन्होंने चेक के माध्यम से अपनी सदस्यता फीस जमा करवाई है। बाकी 490 सदस्यों को सदस्यता देने या न देने का फैसला करने का अधिकार बिश्नोई सभा की गवर्निंग बॉडी को दे दिया। वहीं दूसरे पक्ष के कृष्ण कुमार ने इस फैसले को राज्य रजिस्ट्रार की अदालत में चुनौती देने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि सभा 99 सदस्यों द्वारा किए गए चुनाव के बाद प्रधान बने जगदीश कड़वासरा ने तो अपनी सदस्यता फीस न चेक से जमा करवाई हुई है और न ही नकद जमा करवाई हुई है। मामले के अनुसार सतपाल और अन्य ने वर्ष 2021 को राज्य रजिस्ट्रार सोसायटी और अन्य के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिसको 3 फरवरी, 2022 को इस दिशा निर्देश के साथ वापस ले लिया गया कि जिला रजिस्ट्रार सोसायटी मामले से संबंधित विवादों को एक माह में सुलझांगे। इस पर गत 10 फरवरी, 18 फरवरी को याचिका दायर की जिस पर 25 फरवरी, 7 मार्च व 11 मार्च को सुनवाई की गई। इसके बाद गत 15 मार्च को निर्णय दिया था कि याचिकाकर्ता व बिश्नोई सभा की तरफ से दिए गए लिखित जवाब से यह स्पष्ट हो गया है कि 685 (492 और 193) ने सभा के प्रस्ताव 3 अप्रैल, 2016 व 22 मई, 2019 के तहत आजीवन सदस्यता के लिए अपनी फीस जमा करवा दी। रजिस्ट्रार ने बिश्नोई सभा की गवर्निंग बॉडी को आदेश दिया कि 685 सदस्यों से संबंधित सदस्यता के बारे में कोई औपचारिकताएं लंबित है तो उसे पूरा कर अंतिम सूची को अपलोड करें।
इसके बाद बिश्नोई सभा के आशीष बिश्नोई ने गत 27 मार्च, 2022 को हिसार उपायुक्त के माध्यम से समीक्षा याचिका दायर की।
इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला रजिस्ट्रार ने 7 अप्रैल, 18 अप्रैल और 22 अप्रैल को सुनवाई की। फैसला सुनाया है कि 195 सदस्यों ने चेक के माध्यम से अपनी फीस जमा करवाई है, इसलिए इन सभी को सदस्यता दें।