नूंह/मेवात, 25 अप्रैल (निस)
नूंह के शहीद हसन खां मेवाती राजकीय मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में बीती रात लोग उस समय उग्र हो गए जब मेडिकल कॉलेज से 6 वेंटिलेटर एक गाड़ी में भरकर पलवल के लिए ले जाए जा रहे थे। जब वेंटिलेटर गाडी में लादे जा रहे थे तो क्षेत्र के समाजसेवियों को इस बात की भनक लग गई और उन्होंने मौके पर पहुंचकर इस पर विरोध जताया। वेंटिलेटर गाड़ी में चढ़ाने वालों ने बताया कि यह पंचकूला से पलवल के लिए आए हैं। इन्हें मेडिकल कॉलेज में छोड़ दिया था और अब वह इनको पलवल ले जा रहे हैं। क्षेत्रवासियों का आरोप है कि यह मेडिकल कॉलेज के लिए हैं, क्षेत्र के लोगों के साथ पक्षपात करते हुए इनको अन्य जगह ले जा रहे हैं।
नपा पार्षद आदिल, समाजसेवी पार्षद पति सुमित अदलखा, हनीफ अडबर आदि ने बताया कि बीती रात एक गाडी में 6 वेंटिलेटरों को मेडिकल कॉलेज से अन्य जगह ले जाया जा रहा था जबकि मेडिकल कॉलेज में जिला गुरुग्राम, पलवल, फरीदाबाद आदि जगहों से मरीज आ रहे हैं व स्थानीय मरीजों की बढ़ती संख्या के बाद यहां इनकी जरूरत है। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज के बाहर मरीजों का कई-कई घंटों नम्बर नहीं आ रहा है लेकिन स्वास्थ्य उपकरणों को अन्य जगह ले जाना न्यायसंगत नहीं है।
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
इस बारे में जिला के सिविल सर्जन डा़ सुरेन्द्र यादव का कहना है कि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ही इस बारे में बेहतर जानकारी मुहैया करा सकते हैं। वहीं, मेडिकल कॉलेज की निदेशक से उनके मोबाइल पर संपर्क करना चाहा लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
आईसीयू एवं ऑक्सीजन बेड फुल, भटक रहे मरीज
जिला के नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में कोरोना मरीजों के लिए बेड न होने से मारामारी मची हुई हैं। खासकर आईसीयू में ऑक्सीजन बेड के अभाव में मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। कॉलेज प्रबंधन ने कोविड-19 के चलते ओपीडी बंद कर रखी हैं, इससे मरीज हल्कान हैं। लोगों ने सरकार से जिले के तमाम विकास खंडों पर सभी सुविधाओं से लैस अस्थाई कोविड अस्पताल खोलने के लिए फरियाद की हैं। इस बारे में मेडिकल कॉलेज की निदेशक संगीता भट्टाचार्य ने रविवार सांय माना कि मेडिकल कॉलेज में कोरोना संक्रमितों के लिए आईसीयू और ऑक्सीजन के लिए दिक्कत बनी हुई हैं और साथ ही कहा कि व्यवस्था अभाव से सरकारी आदेश के तहत यहां के उपकरण सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा व सरकारी अस्पताल पलवल में भिजवाए जा रहे हैं।