यमुनानगर, 18 जनवरी (हप्र)
नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर चंडीगढ़ के बिजली निजीकरण के विरोध में राष्ट्रीय फेडरेशन के पदाधिकारी एक फरवरी को चंडीगढ़ में राज्यपाल से मुलाकात कर बिजली निजीकरण के खिलाफ ज्ञापन देंगे। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स की सोमवार को ऑनलाइन हुई बैठक में चंडीगढ़ समेत कई अन्य केंद्र शासित प्रदेशों में बिजली निजीकरण का विरोध का निर्णय लिया गया। बैठक की अध्यक्षता ऑल इंडिया पावर इंजीनियर फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने की।
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर फेडरेशन के प्रवक्ता वीके गुप्ता ने कहा कि एक फरवरी को चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। एक फरवरी को केंद्र शासित प्रदेशों के निजीकरण के विरोध में चंडीगढ़ व पुडुचेरी के बिजली कर्मी एक दिन की हड़ताल कर रहे हैं। उनका समर्थन किया जाएगा। चंडीगढ़ का बिजली विभाग लगातार मुनाफे में चल रहा है। 2020-21 में चंडीगढ़ के बिजली विभाग ने 257 करोड़ का मुनाफा कमाया है। चंडीगढ़ में लाइन लॉस मात्र 9.2 प्रतिशत हैं और चंडीगढ़ का टैरिफ हरियाणा और पंजाब से काफी कम है। ऐसे में लगातार मुनाफा कमाने वाले बिजली विभाग का निजीकरण स्वीकार्य नहीं हैं। उसके विरोध में राष्ट्रव्यापी आंदोलन किया जाएगा।