Operation TrackDown: 11 दिन में हरियाणा में 3000 अपराधी गिरफ्तार
Operation TrackDown: हरियाणा पुलिस का विशेष राज्यव्यापी अभियान ‘ऑपरेशन ट्रैकडाउन’ अब सिर्फ एक पुलिस ऑपरेशन नहीं, बल्कि अपराधियों के लिए दहशत का पर्याय बन चुका है। पुलिस का दावा है कि सिर्फ 11 दिनों में 3172 अपराधी गिरफ्तार, जिनमें 610...
Operation TrackDown: हरियाणा पुलिस का विशेष राज्यव्यापी अभियान ‘ऑपरेशन ट्रैकडाउन’ अब सिर्फ एक पुलिस ऑपरेशन नहीं, बल्कि अपराधियों के लिए दहशत का पर्याय बन चुका है। पुलिस का दावा है कि सिर्फ 11 दिनों में 3172 अपराधी गिरफ्तार, जिनमें 610 संगीन मामलों के आरोपी भी शामिल हैं।
पुलिस ने 15 नवंबर तक का आंकड़ा जारी किया है। इसके तहत 11वें दिन पुलिस ने 96 कुख्यात अपराधियों को दबोचा। इनमें हत्या के 7 केसों में 8 गिरफ्तारियां हुईं। हत्या के प्रयास के 23 मामलों में 29 गिरफ्तारियां और अवैध हथियारों के 22 मामलों में 27 गिरफ्तारियां हुईं।
एक दिन में ही 54 गंभीर मामलों में 67 अपराधी जेल भेजे गए। आईजी राकेश आर्य ने बताया कि एक ही दिन में 19 नये हिस्ट्रीशीटर चिह्नित किए गए, और अब तक यह संख्या 150 तक पहुंच चुकी है। इतनी बड़ी संख्या साफ करती है कि हरियाणा पुलिस अब अपराधियों के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए जीरो टॉलरेंस मोड पर है।
लूट व फायरिंग के चार मोस्ट वांटेड गिरफ्तार
करनाल पुलिस ने में दो अलग-अलग मामलों में चार खतरनाक अपराधी गिरफ्तार किए गए, जो लगातार पुलिस की आंखों में धूल झोंकते हुए फरारी काट रहे थे। छीना-झपटी की वारदात का मास्टरमाइंड योगेश धर दबोचा गया। 13 नवंबर को गांव कलरी नन्हेड़ा के रास्ते पर शिकायतकर्ता कमलजीत को रोककर लूटपाट की गई थी। थाना इंद्री में दर्ज मुकदमा नंबर 650 के बाद इंस्पेक्टर विपिन कुमार और उनकी टीम ने बिजली की तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपी योगेश पुत्र दान सिंह, निवासी नौरथा को पकड़ लिया। योगेश के खिलाफ 8 गंभीर मुकदमे पहले से दर्ज हैं।
सीएनजी पंप फायरिंग, तीनों शूटर गिरफ्तार
13 अक्टूबर की रात घरौंडा स्थित सीएनजी पंप पर हुई अंधाधुंध फायरिंग ने इलाके में दहशत फैला दी थी। मामूली कहासुनी के बाद कर्मचारी पर गोलियां चलाने वाले तीनों आरोपी लंबे समय से फरार थे। ‘ऑपरेशन ट्रैकडाउन' के सख्त निगरानी तंत्र ने इन्हें भी ज्यादा समय तक छिपने नहीं दिया। पानीपत के जितेंद्र पुत्र सतपाल, सिवाह के सचिन उर्फ रिकी पुत्र हरीश भारद्वाज तथा जाटल के दीपक पुत्र कर्मवीर को गिरफ्तार किया गया। मुख्य आरोपी जितेंद्र पर हत्या के प्रयास, दंगा और धोखाधड़ी जैसे चार अन्य संगीन मामले भी दर्ज हैं। पूछताछ के बाद तीनों को भी कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया।

