इन्द्री, 25 जनवरी (निस)
यमुना के साथ लगते उपमंडल के गांव जपती छपरा सिकलीगरान में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। बुनियादी सुविधाओं की किल्लत झेल रहे गांव में सबसे खराब हालत शिक्षा की है। स्कूल की राजकीय प्राथमिक पाठशाला में 136 विद्यार्थियों पर केवल 2 अतिथि अध्यापिकाएं तैनात हैं। स्कूल को पहुंचने वाले रास्ते में कीचड़ भरा हुआ है, जिससे गुजरना जान जोखिम में डालने जैसा है। स्कूल की दो अध्यापिकाओं को स्कूल तक पहुंचने के लिए मुश्किलों का सामना पड़ता है। नन्हें बच्चों का स्कूल पहुंचना खतरे से खाली नहीं है। गांव जपती छपरा सिकलीगरान उत्तर प्रदेश की सीमा और यमुना नदी के साथ लगता है। गांव में अधिकतर आबादी सिकलीगर समुदाय की है। सिख सहित अन्य जातियों के लोग भी रहते हैं। गांव में निकासी की भारी समस्या है। निकासी नहीं होने से गलियों में पानी भरा हुआ है। स्कूल को जाने वाले रास्ते पर पानी भरा हुआ है और कीचड़ बना हुआ है। गांव के नंबरदार जवेन्द्र सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता निर्मलजीत सिंह, मंत कौर, कुलजीत सिंह, कुलबीर सिंह सहित अनेक ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल का रास्ता दोनों साइडों से बंद है।
क्या कहती हैं स्कूल प्रभारी
स्कूल प्रभारी रेनू बाला ने कहा कि गांव की सीमा में प्रवेश करने के बाद स्कूल तक पहुंचना उनके लिए बेहद मुश्किल होता है। हर समय फिसलने का डर रहता है। कीचड़ के कारण पूरा रास्ता अवरुद्ध हो चुका है। समस्या को लेकर ग्रामीणों से बात की जाती है, लेकिन समस्या का समाधान नहीं होता। गांव के नंबरदार जवेन्द्र सिंह व निर्मलजीत सिंह का कहना है कि ग्रामीणों ने समस्या से बीडीपीओ को भी अवगत करवाया था, लेकिन समाधान नहीं हुआ। अब ग्रामीणों ने एसडीएम को लिखित शिकायत की है।