लापरवाही से एमडीयू में बंद हुए ऑनलाइन-डिस्टेंस कोर्स : राव नरेंद्र
कहा-6500 छात्रों का भविष्य बर्बाद, झूठ बोलकर फीस वसूली
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हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू), रोहतक के ऑनलाइन एवं ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग कोर्स बंद होने को भाजपा सरकार की शिक्षा-विरोधी नीतियों और प्रशासनिक विफलता का ताज़ा और शर्मनाक उदाहरण बताया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला हजारों छात्रों के भविष्य पर सीधा प्रहार है। राव ने खुलासा किया कि एमडीयू की नैक मान्यता 27 मार्च, 2024 को ही समाप्त हो चुकी थी, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसे छिपाकर 2025-26 के लिए नए प्रवेशों की फीस वसूली जारी रखी। नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए विश्वविद्यालय ने अपनी वेबसाइट पर भी खत्म हो चुकी मान्यता का दावा जारी रखा, जो सीधा धोखा और गंभीर उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि 17 नवंबर, 2025 को नैक ने कड़ी चेतावनी दी, लेकिन विश्वविद्यालय और सरकार दोनों ने आंखें बंद रखीं। इसके बाद 18 नवंबर, 2025 को यूजीसी ने सभी ऑनलाइन और डिस्टेंस कोर्स तुरंत बंद करने का आदेश जारी कर दिया। इससे 6,500 से अधिक छात्र गहरी अनिश्चितता में फंस गए, जो नौकरी के साथ आगे की पढ़ाई के लिए इन कोर्सों पर निर्भर थे।
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राव नरेंद्र सिंह ने इस पूरे मामले को सिर्फ प्रशासनिक गलती नहीं, बल्कि भाजपा सरकार की घोर लापरवाही और शिक्षा क्षेत्र में नाकामी बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार न तो विश्वविद्यालय की मान्यता पर नजर रख सकी, न ही यूजीसी नियमों का पालन सुनिश्चित कर पाई। कांग्रेस नेता ने मांग की कि सभी प्रभावित छात्रों की पूरी फीस तुरंत वापस की जाए। कुलपति और दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के जिम्मेदार अधिकारियों पर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।
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