जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 6 अप्रैल (हप्र)
खुले बाजार में सरसों के दाम एमएसपी से कहीं ज्यादा होने के कारण किसानों की पौ बारह है लेकिन बे मौसमी बरसात के कारण हुए खराबे ने उनकी खुशी पर पानी फेर दिया है। ज्यादा दाम मिलने के कारण किसानों ने एक भी दाना सरसों इस बार सरकार को नहीं बेचा है। हरियाणा में इस वर्ष सरसों का एमएसपी 400 रुपये बढ़ाकर 5050 प्रति क्विंटल कर दिया था लेकिन अम्बाला में सरसों 7 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रही है।
अम्बाला शहर मंडी में अभी तक 8790 क्विंटल सरसों पहुंची है जिसे निजी फर्मों ने ही खरीद किया है। हालांकि इस साल सरसों के ज्यादा रेट मिलने से जहां किसान खुश हैं वहीं पैदावार कम निकलने से घाटा होने के बात भी कह रहे है। जानकारों की माने तो हरियाणा में सरसों की फसल मार्च से ही मंडियों में आनी शुरू हो जाती है लेकिन सरकारी खरीद 1 अप्रैल से प्रारंभ होती है। खुले बाजार में भाव ज्यादा मिलने के कारण पंजाब के किसान भी अम्बाला की अनाज मंडी में अपनी फसल बेचने आ रहे हैं जिसे प्राइवेट प्लेयर इस बार ज्यादा बोली लगाकर खरीद रहे हैं। इसका मुख्य कारण बेमौसमी बरसात होने से हुआ खराबा माना जा रहा हे।
कारोबारी बता रहे हैं कि रूस यूक्रेन युद्ध के कारण आयात में कमी होने के कारण सप्लाई कम हो चुकी है जिसके कारण लोकल प्लेयर ज्यादा भाव में सरसों खरीद अपनी जरूरतों को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। पंजाब से अपनी फसल बेचने मंडी में आए किसान कर्म सिंह की माने तो अम्बाला मंडी में काली सरसों 6400 तो पीली सरसों 7 हजार पार बिक रही है, लेकिन इस बार कम पैदावार के कारण बहुत ज्यादा घाटा रहा है जिसके कारण ज्यादा भाव मिलने से उन्हें कोई लाभ नहीं हो पा रहा। मंडी आढ़ती एसोसिएशन के प्रधान दूनीचंद दानीपुर के अनुसार इस बार किसानों को सरसों के प्राइवेट अच्छे दाम मिल रहे हैं जिसके चलते कोई भी किसान एमएसपी पर फसल नहीं बेच रहा।