सुभाष पौलस्त्य/निस
पिहोवा, 21 अप्रैल
सड़क पर दुर्घटनाओं का कारण बन रहे गौवंश को रखने के लिए बनाई गई गौशाला आर्थिक संकट से जूझ रही हैं।
गौशालाओं में गायों को देने के लिए चारे की बहुत अधिक कमी बनी हुई है। कारण गौशालाओं में गाय, नंदी की संख्या का अधिक होना है। हैरानी की बात है कि सरकार ने गौ सेवा आयोग का गठन तो कर दिया। यह गौ सेवा आयोग रजिस्टर्ड गौशालाओं को एक रुपया 64 पैसे प्रति गाय के चारे के लिए सहायता के रूप में देता है।
दिलचस्प बात यह है कि गायों को पेट भरने के लिए एक रुपया 64 पैसे प्रतिदिन दिया जाता है, परंतु इस गौ सेवा आयोग के चेयरमैन सहित अन्य कर्मचारियों पर प्रतिदिन का खर्चा हजारों रुपये है। पिहोवा में श्री कृष्ण कृपा मंच द्वारा बनाई गई गौशाला बारे जगदीश कुमार तनेजा ने बताया कि वर्ष 2000 में स्वामी ज्ञानानंद के सान्निध्य में श्री कृष्ण कृपा मंच के नाम से गौशाला का निर्माण किया गया। उस वक्त इसमें मात्र 200 गाय ही थी, लेकिन अब इसमें 1400 गाय हैं।
गाय रखने के लिए पर्याप्त स्थान हैं परंतु इन गायों के खानपान के प्रबंध के लिए संस्था को आर्थिक रूप से जूझना पड़ रहा है। लगभग 2 करोड़ रुपये सालाना खर्च गौशाला पर आता है।
लगभग 40 लाख की तूड़ी भूसा अब तक वह खरीद चुके हैं। गांव से भी उन्हें लगभग 15 लाख रुपये की तूड़ी, भूसा आ जाता था, परंतु इस बार केवल 5 लाख का ही चारा प्राप्त हुआ है। सरकार की ओर से मात्र 8 लाख ही उन्हें सहायता के रूप में मिलते हैं।