One Nation One Pension : सुभाष लांबा बोले - ओपीएस लागू होने तक जारी रहेगा कर्मचारियों का आंदोलन
One Nation One Pension : कर्मचारी संगठनों ने यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) को सिरे से नकारते हुए पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन की मांग की है। कर्मचारियों का बिल्कुल स्पष्ट कहना है कि कर्मियों को ओपीएस के अलावा एनपीएस सहित अन्य कोई भी पेंशन स्कीम स्वीकार्य नहीं है। केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को पहली अप्रैल, 2025 से यूपीएस चुनने का विकल्प दिया है। इसी तर्ज पर हरियाणा सरकार ने भी पहली अगस्त से यूपीएस को राज्य में लागू करने का फैसला किया है।
इसके खिलाफ शुक्रवार को सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ व पेंशन बहाली संघर्ष समिति आदि दर्जनों संगठनों के समर्थन के साथ काले बिल्ले लगाकर ब्लैक-डे मनाया। सभी जिला मुख्यालयों पर रोष प्रदर्शन किए तथा ओपीएस की मांग की। अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि ओपीएस कर्मचारियों की लाइफलाइन है। इसे हासिल करने के लिए व्यापक एकता के साथ राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन तेज किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि वन नेशन-वन इलेक्शन के पैरोकार वन नेशन-वन पेंशन पर चुप क्यों हैं। उन्होंने बताया कि ओपीएस और अन्य लंबित मांगों को लेकर 16-17 अगस्त को राष्ट्रीय कार्यसमिति की महत्वपूर्ण मीटिंग आयोजित की जा रही है। इसमें आंदोलन की व्यापक कार्ययोजना बनाई जाएगी। लाम्बा ने कहा कि केंद्र सरकार ने ओपीएस बहाली की मांग को दरकिनार कर एकतरफा तरीके से पहली अप्रैल से यूपीएस लागू करने का फैसला लिया।
उन्होंने बताया कि अभी तक 31 हजार 555 ने ही यूपीएस का विकल्प चुना है, जो कुल कर्मचारियों का करीब एक प्रतिशत है। इससे साफ है कि यूपीएस कर्मचारियों को स्वीकार्य नहीं है। हरियाणा सरकार ने इससे सबक लेना चाहिए और पहली अगस्त से यूपीएस लागू करने की बजाय राजस्थान, छत्तीसगढ़ व झारखंड की तरह ओपीएस लागू करने का फैसला करना चाहिए। लाम्बा ने कहा कि ओपीएस बहाली और आठवें वेतन आयोग के गठन तक कर्मचारियों का आंदोलन जारी रहेगा।