सोनीपत, 15 जून (हप्र)
गेटवे एजुकेशन सोसायटी के संचालक व नामी व्यवसायी हरिप्रकाश मंगला के बेटे को फोन कर बवाना गैंग के नाम से एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने का मामला सामने आया है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी शिकायतकर्ता का पूर्व कर्मचारी गांव खेड़ी तगा निवासी दीपक है।
गेटवे एजुकेशन सोसायटी के मालिक एवं सेक्टर-14 निवासी हरिप्रकाश मंगला के बेटे राहुल ने सेक्टर-27 थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके पास 8 व 9 जून को उनके पास एक मोबाइल नंबर से व्हाट्सएप पर कॉल आई थी। फोन करने वाले ने खुद को बवाना गैंग का सदस्य बताया था। उसने कहा कि उसे एक करोड़ रुपये देने होंगे। अगर जान प्यारी है तो पैसे भिजवा देना। जिस पर राहुल ने मामले की शिकायत सेक्टर-27 थाना पुलिस को दे दी। मामले में जांच के बाद 14 जून को पुलिस ने रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज कर लिया। मामले में एसपी हिमांशु गर्ग ने संज्ञान लेते हुए इसकी जांच सेक्टर-27 थाना पुलिस के साथ ही सीआईए-1 की टीम को भी सौंप दी। सीआईए प्रभारी बिजेंद्र सिंह की टीम ने मामले में कार्रवाई करते हुए खेड़ी तगा निवासी दीपक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस आरोपी को बृहस्पतिवार को अदालत में पेश कर रिमांड पर लेगी। जिससे सुबूत जुटाने के साथ ही अन्य आरोपियों की जानकारी जुटाई जा सके।
सीआईए के अनुसार आरोपी ने शुरुआती पूछताछ में बताया है कि उसने बवाना गैंग का नाम सुना है। हालांकि वह बवाना गैंग में किसी को नहीं जानता। उसने सिर्फ डर पैदा कर एक करोड़ रुपये ऐंठने के लिए बवाना गैंग का नाम लिया था।
मंगला परिवार के पास काम करता था आरोपी
सीआईए प्रभारी बिजेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी दीपक शिकायतकर्ता मंगला परिवार के पास ही निजी पटवारी का काम करता था। वह उनके लिए कागजात तैयार से लेकर अन्य काम करता था। उसे वर्ष 2019 में नौकरी दी गई थी। बाद में उसे वर्ष 2020 में निकाल दिया गया था। वह राहुल के रियल एस्टेट व अन्य व्यवसाय के बारे में अच्छी तरह से जानता था।
रिमांड पर लिया जाएगा
सोनीपत सीआईए के प्रभारी बिजेंद्र सिंह ने कहा कि व्यवसायी से रंगदारी मांगे जाने के मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उसे अदालत में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। मामले में अन्य की संलिप्तता का पता लगाया जाएगा। आरोपी पहले शिकायतकर्ता के पास ही निजी पटवारी का काम करता था।