विवेक बंसल/हप्र
गुरुग्राम 12 अप्रैल
सोहना-गुरुग्राम एलिवेटिड मार्ग पर गांव घामडोज में बने टोल टैक्स बैरियर को लेकर अदालत में दायर याचिका की सुनवाई 20 अप्रैल को होगी। जिसके लिए अदालत ने नोटिस जारी करके सभी पक्षों को अदालत में हाजिर होने के फरमान जारी कर दिए हैं। टोल संघर्ष समिति के नेता सतवीर पहलवान का कहना है कि पूरे भारत में जहां भी टोल चल रहे हैं वहां पर आसपास के ग्रामीणों को छूट दी गई है लेकिन यहां पर ऐसी कोई छूट नहीं थी। जब इसकी जांच पड़ताल की गई तब खुलासा हुआ कि सोहना से लेकर गुड़गांव तक यह एलिवेटेड मार्ग अधूरा है यहां तक कि जहां घमरोज में टोल स्थापित किया गया है और एक तारीख से उस पर वसूली शुरू कर दी गई वहां पर भी लाइट नहीं थी और सड़क अधूरी थी ।
ग्रामीणों का तर्क है कि एक तरफ का रोड चल रहा है दूसरी तरफ का बंद है। जो मार्ग चल रहा है उस पर दो तरफ ट्रैफिक है वहां भी बीच में अधूरा रोड है, जहां ट्रैफिक चलाना खतरे से खाली नहीं । फिर इस तरह से टोल लेना तो सरासर गलत है। ग्रामीणों ने इसका विरोध किया तो एसडीएम की मौजूदगी में यह फैसला हुआ था कि ग्रामीणों को छूट दी जाएगी लेकिन टोल कंपनी ने इस बात को भी नहीं माना। एसडीएम ने टोल पर जाकर देखा तो पाया कि वहां जो जरूरी सुविधाएं और नियमों के अनुसार कई अन्य चीजों की कमी है।
गडकरी को लिखी थी चिट्ठी
उन्होंने भी इस टोल कंपनी को एक हफ्ते का नोटिस देकर उन्हें ठीक करने का निर्देश दिया था। उन्होंने बताया कि वह केंद्रीय मंत्री और अपने सांसद राव इंद्रजीत सिंह से मिले थे तब उन्होंने एक पत्र ग्रामीणों को छूट देने का केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को लिखा था । गडकरी ने जो चिट्ठी अधिकारियों को भेजी है वह भी अधिकारियों के पास आ गई है ग्रामीणों के पास भी है । उसमें लिखा हुआ है कि ग्रामीणों की बात सुनकर उस पर अमल किया जाए।
भाजपा विधायक संजय सिंह ने भी आसपास के 3 गांव को हाईवे अथॉरिटी से टोल में छूट दिए जाने का आश्वासन दिया था हालांकि छूट नहीं मिली है ।
याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता अनुराग जिंदल का कहना है कि अदालत ने 20 अप्रैल को हाईवे अथॉरिटी टोल वसूलने वाली एजेंसी और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। जिसमें नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया, हरियाणा सरकार व सम्बंधित टोल एजेंसी ठेकेदार को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है।