'अहोई अष्टमी पर माताएं भूखे पेट रहकर पुत्रों की लंबी आयु की कामना करती हैं'
आज बाबैन की इंदिरा कॉलोनी में सलोचना सैनी बाबैन के आवास पर अहोई अष्टमी के उपलक्ष्य को लेकर एक धार्मिक कीर्तन व कथा का आयोजन किया गया। इस धार्मिक कथा व कीर्तन में बाबैन की इंदिरा कॉलोनी की अनेक महिलाओं ने भाग लेकर कीर्तन व कथा सुनी। महिलाओं के लिए करवा चौथ के समान अहोई अष्टमी का दिन भी कठोर उपवास का दिन होता है और बहुत सी महिलाएं पूरे दिन जल भी ग्रहण नहीं करती। इस दिन अहोई माता के साथ तारों और चन्द्रमा की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। इस कार्यक्रम का आयोजन शिला देवी पत्नी रामेश्वर दास सैनी के आवास पर हुआ। इस मौके पर कथावाचक सलोचना देवी सैनी ने मुख्य रूप से शिकरत कर अहोई अष्टमी पर अपना प्रकाश डालते हुए अहोई अष्टमी के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा है कि अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन किया जाता है। अहोई अष्टमी के त्योहार पर सभी माताएं भूखे पेट रहकर अपने पुत्रों की लंबी आयु व सुख-समृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थनाएं करती हैं। इस अवसर पर कमलेश सैनी, मीना सैनी बबली, नवनीत कौर बाबैन, प्रवीन्द्र कौर, रजनी देवी, पूजा रानी, सुखविंद्र कौर, कृष्णा देवी, मंजू देवी, शीला देवी, प्रिंयका देवी, कमलेश रानी, रीना देवी, सलोचना देवी सहित अनेक महिलाएं उपस्थित थीं।