ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 7 मार्च
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की पाबंदी से किसानों के ट्रैक्टरों को राहत दिलाने के लिए हरियाणा सरकार नया कानून बनाएगी। विधानसभा के इसी बजट सत्र में इसके लिए विधेयक पेश किया जाएगा। सीएम मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को सदन में कहा कि एनसीआर में 10 साल से पुराने ट्रैक्टरों को 2025 तक चलाने की छूट दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि एनसीआर का दायरा कम होगा। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में हरियाणा सरकार अपना पक्ष रख चुकी है। अभी एनसीआर का एरिया 150 किलोमीटर तक है। प्लानिंग बोर्ड सैद्धांतिक तौर पर इसे घटाकर 100 किलोमीटर करने का निर्णय कर चुका है। नयी दिल्ली स्थित राजघाट से 100 किलोमीटर की दूरी तक का एरिया एनसीआर का हिस्सा होगा। नियम एवं शर्तों के साथ इसका नोटिफिकेशन अभी होना है।
1985 में जब एनसीआर का गठन हुआ तो हरियाणा के 9 जिले उसका हिस्सा थे। 2015 में महेंद्रगढ़, जींद और करनाल जिलों के शामिल होने के बाद राज्य के 22 में से 14 जिले और प्रदेश का 57 प्रतिशत एरिया एनसीआर में आ गये।
विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब देते हुए सीएम ने कहा कि उस समय अधिक से अधिक जिलों को एनसीआर में शामिल करवाने की कोशिश की गई, जिससे विकास हो सके, प्लानिंग बोर्ड से ऋण लिया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति बेहतर है। प्लानिंग बोर्ड के बजाय मार्केट में सस्ती दरों पर लोन उपलब्ध है। एनसीआर में आने के चलते लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
एनसीआर का एरिया घटाने पर हुड्डा ने जताया एतराज
विपक्ष के नेता भूपेंद्र हुड्डा ने विरोध करते हुए कहा कि एनसीआर से बाहर होने के बाद विकास पर असर पड़ेगा। किसी जिले को बाहर नहीं निकालना चाहिए। अपने फैसले पर कायम सीएम ने कहा कि विकास की चिंता नहीं होनी चाहिए, सरकार विकास कराएगी।