चंडीगढ़, 27 जून (ट्रिन्यू)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में सोमवार को हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत प्रदान की गई। सरकार ने वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना की प्रक्रिया में बदलाव करने का निर्णय लिया है। अब वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के लिए नागरिक सेवा केन्द्र (सीएसई),अंत्योदय केंद्र या किसी अन्य सरकारी कार्यालय में बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। नई प्रक्रिया के तहत, वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के तहत पात्र व्यक्ति को अपनी पात्रता निर्धारित करने के लिए परिवार पहचान संख्या की आवश्यकता होगी।
हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण वृद्धावस्था सम्मान भत्ते के लिए पात्र व्यक्तियों का इलेक्ट्रॉनिक रूप में डाटा उपलब्ध करवाएगा और विभाग की योजना के तहत एक सूची तैयार होगी। सूची में ऐसे व्यक्तियों को शामिल किया जाएगा जिनकी आयु 60 वर्ष या उससे अधिक है। पति या पत्नी की आय एक साथ प्रति वर्ष 2 लाख रुपये से अधिक नहीं हो, वह कम से कम पिछले 15 वर्षों से हरियाणा का निवासी हो।
हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण द्वारा व्यक्ति की आयु, उसकी आय की स्थिति, निवास प्रमाण और बैंक खाते के विवरण की जानकारी के बाद हरियाणा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को और किसी प्रकार के सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी। यदि विभाग के संज्ञान में सत्यता के संबंध में कोई विशिष्ट तथ्य आता है तो उसे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा आगे की जांच के लिए हरियाणा परिवार पहचान प्राधिकरण को भेजा जाएगा।
यह नई प्रक्रिया 31 मार्च, 2022 को पायलट आधार पर शुरू की गई और परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) पोर्टल के माध्यम से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता के लिए आवेदन करने की पुरानी प्रक्रिया को 25 अप्रैल, 2022 से रोक दिया गया था।
मोहाली के बराबर होंगे पंचकूला में सीएलयू और लाइसेंस रेट : कैबिनेट ने पंजाब के मोहाली में 2020-21 और 2021-22 के लिए लागू विभिन्न शुल्क और अन्य चार्ज के बराबर लाने के लिए पंचकूला जिले में लाइसेंस और सीएलयू अनुमति देने के लिए तय किये गए विभिन्न शुल्क और चार्जेज की संशोधित दरों के विस्तार को मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री ने इससे पहले संबंधित विभागों को पंचकूला के विकास से संबंधित परियोजनाओं में तेजी लाने के निर्देश जारी किए थे। राज्य सरकार ने 11 मार्च, 2022 को उक्त दरों को संशोधित करने का निर्णय लिया था ताकि विकास योजना के प्रस्तावों के कार्यान्वयन के बाद पंचकूला जिले का त्वरित विकास हो सके।
हरियाणा राज्य डाटा सेंटर नीति 2022 को दी मंजूरी : मंत्रिमंडल ने राज्य को डाटा सेंटर उद्योग के स्थल के रूप में विकसित करने और हरियाणा को वैश्विक डाटा सेंटर हब के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से हरियाणा राज्य डाटा सेंटर नीति, 2022 को स्वीकृति प्रदान की है। हरियाणा का मजबूत आईटी ईको सिस्टम, अत्यधिक मांग आधार, बिजली की अच्छी उपलब्धता और उत्तर भारत में स्थानीय लाभ यहां डाटा सेंटर उद्योग के विकास के लिए सुवधिाजनक हैं।
इस नीति का उद्देश्य दुनिया के मुख्य उद्यमियों को उद्योग व व्यापार वातावरण प्रदान करके आकर्षित करना और हरियाणा में 115-120 नए डाटा सेंटर की स्थापना की सुविधा प्रदान करना है। इन डाटा सेंटरों के स्थापित होने से 7500 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है।
सरकार की योजना के अनुसार हरियाणा में स्थापित 1 मेगावाट और उससे अधिक बिजली की खपत करने वाला कोई भी डाटा सेंटर इस नई नीति के तहत विभिन्न लाभों का लाभ उठाने के लिए पात्र होगा।
एसजीएसटी प्रतिपूर्ति – ए और बी श्रेणी के ब्लॉकों में 10 वर्षों की अवधि के लिए कुल एसजीएसटी की 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति और सी व डी श्रेणी के ब्लॉकों में 10 वर्षों की अवधि के लिए कुल एसजीएसटी की 75 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति होगी।
भीमेश्वरी देवी मंदिर पर होगा सरकारी कंट्रोल
हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में श्रीमाता भीमेश्वरी देवी मंदिर (आश्रम), बेरी, झज्जर का नियंत्रण सरकार ने अपने हाथ में लेने को मंजूरी दे दी। श्री माता भीमेश्वरी देवी मंदिर (आश्रम), बेरी पूजा स्थल और इससे संबंधित भूमियों और भवनों सहित उसके विन्यासों के बेहतर प्रबंधन और प्रशासन के लिए ‘हरियाणा श्रीमाता भीमेश्वरी देवी मंदिर बेरी अधिनियम 2022’ को मंजूरी प्रदान की गई है। वर्तमान में श्रीमाता भीमेश्वरी देवी (आश्रम) बेरी का प्रबंधन एक महंत परिवार के हाथों में है। मूलभूत सुविधाओं की कमियों के कारण श्रद्वालुओं को हो रही कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए इस अधिनियम को कैबिनेट द्वारा अनुमोदित किया गया है।
लकड़ी आधारित उद्योग नियमों में संशोधन
सरकार ने हरियाणा लकड़ी आधारित उद्योग (स्थापना और विनियमन) नियम, 2022 के नियम -6 (2) में संशोधन किया है, जिसके तहत ‘तीन किलोमीटर’ शब्द को ‘पांच सौ मीटर’ से प्रतिस्थापित किया गया है, जैसा कि मूल प्रस्ताव में है। हरियाणा में वन क्षेत्र के 500 मीटर के बाहर व तीन किलोमीटर के भीतर स्थित मौजूदा लकड़ी आधारित उद्योगों को लाइसेंस या पंजीकरण की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए यह संशोधन किया गया है इससे लकड़ी आधारित उद्योगों के विकास के लिए अधिक अवसर मिलेंगे। इन नियमों को हरियाणा लकड़ी आधारित उद्योग (स्थापना और विनियमन) संशोधन नियम, 2022 कहा जा सकता है।