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अरी री सखी बुला दयो मेरे कृष्ण कन्हैया नै चाहे मेरी सासू लड़ै भतेरी

दलेर सिंह/हप्र जींद (जुलाना), 25 जनवरी चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय (सीआरएसयू) जींद में आयोजित किए जा रहे अंतर क्षेत्रीय युवा महोत्सव के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को कलाकारों ने हरियाणवी संस्कृति और भक्तिरस से ओत-प्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर खूब तालियां...
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जींद के सीआरएसयू में बृहस्पतिवार को युवा महोत्सव में कला-कौशल की प्रस्तुति के दौरान युवक-युवतियां। -हप्र
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दलेर सिंह/हप्र

जींद (जुलाना), 25 जनवरी

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चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय (सीआरएसयू) जींद में आयोजित किए जा रहे अंतर क्षेत्रीय युवा महोत्सव के दूसरे दिन बृहस्पतिवार को कलाकारों ने हरियाणवी संस्कृति और भक्तिरस से ओत-प्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर खूब तालियां बटोरीं। ‘मत छेड़ मेरी गगरिया, मोहन मुरलीवाले’, ‘अरी री सखी बुला दयो मेरे कृष्ण कन्हैया नै, चाहे मेरी सासू लड़ै भतेरी’ जैसे कई गीत नृत्यों के माध्यम से युवाओं ने समारोह को भक्तिरस में डुबो दिया।

युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम निदेशालय के निदेशक डॉ. विजय कुमार ने बताया कि इस युवा महोत्सव में रसिया समूह नृत्य हरियाणवी, हिंदी स्किट ग्रुप डांस जनरल, वन एक्ट प्ले, ग्रुप सॉंग हरियाणवी, मिमिक्री, एकल शास्त्रीय वाद्ययंत्र (एनपी), एकल शास्त्रीय वाद्ययंत्र (पी), एकल लोक वाद्ययंत्र हरियाणवी, भारतीय आर्केस्ट्रा, सांग, क्ले मॉडलिंग कोलाज, कार्टूनिंग, संस्कृत में संवाद और संगोष्ठी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 14 टीमें भाग ले रही हैं।

कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रूप में पहुंचे जींद के विधायक डा. कृष्ण मिड्ढा ने कहा कि युवा महोत्सव जैसे कार्यक्रमों द्वारा हरियाणवी संस्कृति को समृद्ध करने में सहायता मिलती है और समाज में निहित कुरीतियों को दूर करने के उपाय भी प्राप्त होते हैं। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय मतदाता दिवस के महत्व को भी उजागर किया।

कुलपति डॉ. रणपाल सिंह ने कहा कि हमारे ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों में प्रतिभा का अभाव नहीं है, आवश्यकता है तो एक उपयुक्त मंच की। विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रोफेसर लवलीन मोहन ने कहा कि परिश्रम ही सफलता की कुंजी है, इसका कोई शॉर्टकट

नहीं होता।

जिसके पास धैर्य, वही विजेता

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित एमजीसीजीवी विश्वविद्यालय चित्रकूट के पूर्व वीसी प्रोफेसर एनसी गौतम ने कहा कि विद्यार्थी जीवन मनुष्य जीवन का अमूल्य समय होता है। इस कालखंड में जीवन का निर्माण होता है। हर विद्यार्थी को अपना लक्ष्य निर्धारित करना होता है। उन्होंने कहा कि जीवन में बहुत संघर्ष आते हैं, विजयी वही होता है, जिसके पास धैर्य होता है। जीवन में कुछ प्राप्त करने के लिए शिष्टाचार, शालीनता आवश्यक है।

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