हिसार, 3 मई (हप्र)
चंडीगढ़ बाई पास पर ग्रामीणों के धरने को पूरे 15 महीने हो गए हैं। तलवंडी राणा रोड बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ओ.पी. कोहली ने बताया कि 15 महीने से ग्रामीण गर्मी, सर्दी, धूप, बारिश, आंधी, तूफान के बीच धरने पर बैठे हैं लेकिन शासन-प्रशासन के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। कोहली ने कहा कि सरकार ग्रामीणों के धैर्य का नाजायज फायदा उठा रही है। शासन-प्रशासन जल्द से जल्द शेष बचे 2.3 कि.मी. के सड़क मार्ग की फाइल चालू करके ग्रामीणों की रोड संबंधी समस्या का स्थायी समाधान करे।
एडवोकेट ओ.पी. कोहली ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भरी जनसभा में ग्रामीणों को 1 माह में रोड देने का वादा किया था लेकिन 6 माह बीत जाने के बाद भी उनका वादा पूरा नहीं हुआ और ग्रामीण अभी भी धरने पर बैठने को मजबूर हैं। वहीं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी अधिकारियों को रोड बनाने के संबंध में आदेश दिए थे और नागरिक उड्डयन एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने भी रोड बनवाने की 100 प्रतिशत गारंटी दी थी।
उन्होंने मौके पर जिला उपायुक्त को फोन करके आदेश भी दिए थे लेकिन उसे भी एक सप्ताह होने को है लेकिन 2.3 कि.मी. रोड संबंधी कोई कार्यवाही अधिकारियों द्वारा शुरू नहीं की गई है। इससे यह साबित होता है कि अधिकारियों के लिए मुख्यमंत्री, मंत्री के आदेशों के कोई मायने नहीं हैं। अब पूरी लापरवाही प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से बरती जा रही है। जिला उपायुक्त ने 2 दिन में रोड संबंधी फाइल को तैयार करवाकर ऊपर भेजने की बात कही थी लेकिन अभी तक रोड के संंबंध में कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई इससे साबित होता है कि अधिकारी न केवल सरकार के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं बल्कि अपनी ड्यूटी को भी सही ढंग से नहीं निभा रहे। कोहली ने बताया कि सरकार ने 2.2 कि.मी. का रोड तो बनाकर दे दिया लेकिन उसमें भी सरकार ने बिना मंजूरी लिए कुछ जमीन डीसीएम मिल की शामिल कर ली जिसके खिलाफ मिल प्रशासन कोर्ट में पहुंच चुका है और उसने स्टे ले लिया है। अब ग्रामीण एयरपोर्ट की बाहरी सीमा के साथ धांसू गैस प्लांट तक 2.3 कि.मी. सड़क की मांग कर रहे हैं। हमारी शासन-प्रशासन से मांग है कि ग्रामीणों की परेशानियों को समझते हुए तुरंत यह रोड मंजूर करवाकर दे।