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सीएम की बैठकों को गंभीरता से नहीं लेने वाले अफसर नपेंगे

मुख्य सचिव ने प्रशासनिक सचिवों को जारी की गाइडलाइन

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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

चंडीगढ़, 13 जनवरी

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मुख्यमंत्री नायब सैनी की बैठकों को गंभीरता से नहीं लेने वाले अधिकारियों पर अब विभागीय कार्रवाई हो सकती है। बैठक का एजेंडा जारी करने तथा लिए गए फैसलों की कार्यवाही को अब तय समय सीमा में जारी करना होगा। मुख्यमंत्री द्वारा समय-समय पर विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की जाती हैं। कई विभाग प्रमुख अधिकारी समय पर बैठक का एजेंडा जारी नहीं करते हैं। इसके चलते बैठकों में विभाग तथा सरकार से संबंधित योजनाओं की वास्तविक जानकारी सामने नहीं आ पाती है।

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यही नहीं, कई विभागों के अधिकारी बैठक में लिए गए फैसलों के संबंध में कार्यवाही रिपोर्ट भी कई-कई दिन तक जारी नहीं करते हैं। बैठक में लिए गए फैसलों की रिपोर्ट समय पर जारी नहीं होने से फील्ड में तैनात अधिकारियों तक जानकारी नहीं पहुंच पाती है और वह समय पर सरकार की योजनाओं को लागू नहीं कर पाते हैं। एसीएस द्वारा बैठक की कार्यवाही जारी नहीं करने से सरकार द्वारा लिए गए फैसलों की अधिसूचना भी समय पर जारी नहीं हो पाती है। अफसरशाही की कोताही के कारण सरकार द्वारा लिए गए फैसले कई महीनों तक अखबारी बयान बनकर रह जाते हैं।

ऐसे में मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रशासनिक सचिवों को निर्देश जारी किए हैं कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली किसी भी बैठक का एजेंडा समय से जारी किया जाएगा। इसमें इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि यह एजेंडा बैठक से केवल एक दिन पहले ही जारी किया जाए। इसके अलावा मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली बैठकों में लिए जाने वाले फैसलों की कार्यवाही तीन कार्य दिवस के भीतर जारी की जाए। मुख्य सचिव ने प्रशासनिक सचिवों के लिए एक ई-मेल आईडी जारी करके निर्देश दिए हैं कि वह बैठक का एजेंडा तथा विस्तृत ब्यौरा उन्हें मेल करें।

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