कुरुक्षेत्र, 22 जनवरी (हप्र)
मुख्य सूचना आयुक्त हरियाणा यशपाल सिंघल ने कहा कि सार्वजनिक हित के लिए इमानदारी से सूचनाएं देना प्रत्येक अधिकारी का कर्त्तव्य है, इसलिए सभी आरटीआई अधिनियम 2005 का अध्ययन करें व उसी के अनुसार सूचनाएं उपलब्ध करवाएं। वह शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय के लीगल सैल द्वारा आयोजित ‘सूचना अधिकार अधिनियम 2005’ विषय पर व्याख्यान में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान देश के नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार देता है परंतु सूचना और पारदर्शिता के अभाव में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का कोई महत्त्व नहीं रह जाता। सूचना का अधिकार भारत जैसे बड़े लोकतंत्रों को मजबूत करने और उनके नागरिक केंद्रित विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने आरटीआई अधिनियम 2005 में उल्लेखित विभिन्न नियमों पर प्रकाश डालते हुए विश्वविद्यालय के एसपीआईओ, पीआईओ, प्रथम सूचना अधिकारियों के कार्यो के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कहा है कि प्रशासन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से आरटीआई सूचना अधिकार अधिनियम 2005 महत्वपूर्ण है। कुलपति ने कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने पारदर्शी प्रशासन व्यवस्था के लिए हमेशा ही इस अधिनियम का मौलिक रूप से पालन किया है। कार्यक्रम के अंत में कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने कार्यक्रम के मुख्य वक्ता को स्मृति चिन्ह् भेंट किया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, सहित विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता, निदेशक, विभागाध्यक्ष शिक्षक, अधिकारी, प्रथम सूचना अधिकारी एवं जनसूचना अधिकारी आदि मौजूद रहे।