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मेगा परियोजनाओं को समय पर पूरा करें अधिकारी : नायब सैनी

100 करोड़ से अधिक लागत वाली परियोजनाओं की सीएम ने ली समीक्षा बैठक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रदेश में चल रही मेगा परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा किया जाए और...

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100 करोड़ से अधिक लागत वाली परियोजनाओं की सीएम ने ली समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रदेश में चल रही मेगा परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा किया जाए और इनमें किसी भी तरह की देरी या गुणवत्ता में कमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि हर विभाग के प्रशासनिक सचिव स्वयं निगरानी करें और सुनिश्चित करें कि जनता को परियोजनाओं का लाभ समय पर मिले।

मुख्यमंत्री ने बुधवार को यहां 100 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग और चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की प्रमुख योजनाओं का जायजा लिया गया। समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा जल संरक्षण, पानी की आपूर्ति और सिंचाई दक्षता को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण मेगा प्रोजेक्ट क्रियान्वित किए जा रहे हैं।

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इसमें दादूपुर से हमीदा हेड तक नई समानांतर लाइन चैनल (पीएलसी) और पश्चिमी जमुना नहर (डब्ल्यूजेसी) का आधुनिकीकरण शामिल है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य गैर-मानसून अवधि में हथिनीकुंड बैराज से रिसाव के कारण होने वाले नुकसान को रोकना है। अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना का 80 प्रतिशत से अधिक कार्य पूरा हो चुका है।

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सीएम सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि डब्ल्यूजेसी ब्रांच (75.25 किलोमीटर) तक ऑग्मेंटेशन नहर के पुनर्निर्माण का काम तय समय में पूरा किया जाए। इस परियोजना पर 383 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इसी प्रकार, पीडी ब्रांच (मुनक से खुबडु हेड तक) की लाइनिंग और रीमॉडलिंग का कार्य भी करीब 256 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है। साथ ही गुरुग्राम वाटर सप्लाई प्रोजेक्ट का जल्द शिलान्यास किया जाएगा।

बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, वित्तायुक्त एवं राजस्व डॉ़ सुमिता मिश्रा, नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह, प्रधान सचिव अरुण कुमार गुप्ता, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग अग्रवाल, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के आयुक्त एवं सचिव मोहम्मद शाइन, विशेष सचिव (निगरानी एवं समन्वय) डॉ. प्रियंका सोनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

ट्रीटेड पानी का अधिकतम उपयोग हो

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स में पानी की गुणवत्ता में सुधार किया जाए। उन्होंने कहा कि लोगों को सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना सरकार की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने जोर दिया कि औद्योगिक इकाइयों के साथ समन्वय स्थापित कर ट्रीटेड पानी के उपयोग को बढ़ाया जाए, जिससे ताजे पानी की बचत हो सके। साथ ही, सिंचाई कार्यों में भी ट्रीटेड पानी का निरंतर इस्तेमाल सुनिश्चित किया जाए।

मेडिकल कॉलेज की ली रिपोर्ट

बैठक में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की परियोजनाओं की प्रगति का भी आकलन किया गया। अधिकारियों ने बताया कि भगवान परशुराम राजकीय मेडिकल कॉलेज, कैथल का निर्माण कार्य तेजी से जारी है और अब तक 65 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। गुरु तेग बहादुर मेडिकल कॉलेज, पंजुपुर (यमुनानगर) की प्रगति पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि दोनों ही परियोजनाओं को बिना किसी देरी के जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि प्रदेशवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकें।

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