हिसार, 10 जून (हप्र)
जिले के गांव भाटला में महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत सरकार द्वारा गरीबों को अलॉट किए गए करीब 35 प्लाटों से कब्जा हटवाने में एसडीएम पर लेटलतीफी का आरोप लगाते हुए भाटला दलित संघर्ष समिति ने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया है। इस बीच शुक्रवार को एसडीएम ने उपायुक्त को पत्र लिखकर 20 जून की बजाय 13 जून को कब्जा हटाने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त करने का आग्रह किया है। नेशनल अलायंस और दलित ह्यूमन राइट्स के संयोजक रजत कल्सन ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा के लगभग सभी गांवों में महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत गरीबों को 100-100 गज के प्लाट अलॉट किए हुए हैं। पंचायत विभाग के अधिकारियों तथा उच्च प्रशासनिक अधिकारियों से साठगांठ के चलते एक समुदाय ने गांव भाटला के प्लाटों पर जबरदस्ती कब्जे किए हुए हैं, लेकिन कब्जा हटाने में प्रशासन मदद नहीं कर रहा है।
समिति के सदस्य सुनील दहिया ने बताया कि सरकार ने 1994 में गरीबों को प्लाट अलॉट किए और बाद में सरकार ने उक्त प्लाटों की रजिस्ट्री भी लाभार्थियों को दे दी थी। इन रजिस्टि्रयों में लाभार्थियों को कब्जा देना भी दर्शाया हुआ है, लेकिन असलियत में गांव के एक समुदाय ने इन प्लाटों पर अवैध कब्जा किया हुआ है। इन प्लॉटों पर कब्जे हटाने के लिए हांसी के एसडीएम को पैमाइश करने के लिए लिखित पत्र दिया था, जिसके बाद एक फरवरी 2022 को कानूनगो सीताराम व पटवारी अजीत तथा अन्य कर्मचारी मौका पर निशानदेही के लिए गए थे। इनको कब्जाधारियों ने धमकी देकर गांव से निकाल दिया था।
एक हफ्ते पहले ही निशानदेही
पीड़ितों के धरने के बाद शुक्रवार को हांसी एसडीएम ने हिसार उपायुक्त को पत्र लिखकर भाटला में 100-100 गज के प्लाटों की पैमाइश करवाने के लिए 13 जून को ड्यूटी मजिस्ट्रेट, पुलिस बल मुहैया करवाने की मांग की है। इससे पूर्व एसडीएम ने 20 जून को पैमाइश करवाने का दिन तय किया था।