चंडीगढ़, 2 सितंबर (ट्रिन्यू)
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि हम डिजिटल हरियाणा पर फोकस करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। हमारा उद्देश्य लोगों को जल्द से जल्द सेवा उपलब्ध कराना है। वे बृहस्पतिवार को यहां हरियाणा सिविल सचिवालय में डिजिटल सूचनापट और आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आजादी के संघर्ष में हरियाणा के योगदान पर आधारित डिजिटल प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हम आजादी के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। डिजिटल सूचना पट के माध्यम से लोगों को आजादी के संघर्ष की गाथाओं और पराक्रम, बलिदान के बारे में जानकारी मिलेगी, जिससे लोग इन गाथाओं से प्रेरणा ले सकें। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि डिजिटल इंडिया की तर्ज पर हम डिजिटल हरियाणा के तहत बहुत से मापदंडों को पार कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि डिजिटल हरियाणा हमारा फोकस कार्यक्रम है। हमारा आईटी विभाग डिजिटल हरियाणा के तहत हर विभाग के लिए सॉफ्टवेयर तैयार कर रहा है, जिससे लोगों को जल्द से जल्द सेवाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि सरल अंत्योदय और परिवार पहचान-पत्र भी डिजिटल हरियाणा का नमूना है। रेवेन्यू रिकॉर्ड भी डिजिटल किया जा रहा है। अब केवल ई-फाइल ही चलेंगी, जिससे तय समय-सीमा में काम हो सके। सरकार ने कर्मचारियों और अधिकारियों की जवाबदेही तय करने के लिए राइट-टू-सर्विस के तहत ‘आस’ (ऑटो अपील सॉफ्टवेयरर) लांच किया है। इस मौके पर बिजली मंत्री चौ़ रणजीत सिंह चौटाला, सहकारिता मंत्री बनवारी लाल, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओपी यादव और खेल राज्यमंत्री सरदार संदीप सिंह भी उपस्थित रहे।
रोहनात में 2018 तक नहीं मना आजादी का पर्व
प्रदर्शनी में अलग-अलग पट्ट पर दर्शाई गई जानकारी लेने के दौरान मुख्यमंत्री भिवानी जिले के रोहनात गांव के शौर्य की गाथा का अवलोकन कर रहे थे तो उन्होंने एक संस्मरण भी सुनाया। उन्होंने कहा 2018 से पूर्व तक रोहनात गांव के लोग स्वयं को आजाद नहीं मानते हुए आजादी का पर्व नहीं मनाते थे। वे स्वयं गांव में गए और लोगों को आजादी का पर्व मनाने के लिए प्रेरित किया और 23 अप्रैल, 2018 को उन्होंने स्वयं गांव में तिरंगा फहराया। यहां के लोगों पर ब्रिटिश राज में बहुत अत्याचार हुए थे।
ब्रिटिश राज की बर्बरता की कहानी
रोहनात में आज भी ब्रिटिश राज की बर्बरता की कहानी कहता कुआं मौजूद है। 1857 के स्वतंत्रता आंदोलन में यहां से बहुत से जवान शहीद हुए थे। आजादी के संघर्ष में भाग लेने वालों में से बहुतों को अंग्रेजों ने फांसी पर लटका दिया था या गोली मार दी थी। 1857 की क्रांति में भाग लेने के कारण यहां के लोगों पर अंग्रेजों ने बहुत अत्याचार किये। उन्होंने महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा। इस कारण यहां की बहुत सी महिलाओं ने बच्चों के साथ कुएं में छलांग लगाकर अपनी आहुति दे दी थी।
मिनी सचिवालयों में भी लगेंगे पट
सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि देश की आजादी के संघर्ष में हरियाणा के योगदान की जानकारी से युक्त डिजिटल पट्ट सभी मिनी सचिवालयों में लगाये जाएंगे, जिससे लोगों को उन गाथाओं और वीरों का बारे में जानकारी मिल सके, जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया। मिनी सचिवालयों के साथ ही ऐसे स्थानों पर भी ऐसे डिजिटल सूचना पट लगाए जाएंगे, जहां लोगों का आवागमन ज्यादा हो।