भिवानी, 19 मई (हप्र)
बीएन चक्रवती नहर से निकलने वाले बिडौला माइनर की बुर्जी घटाने पर ग्रामीणों ने रोष व्यक्त करते हुए सिंचाई विभाग पर किसानों को परेशान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वे चक्कर लगाकर थक चुके हैं, लेकिन विभाग माइनर को रिमाॅडलिंग करके 27 हजार बुर्जी से घटाकर 21 हजार बुर्जी कर दिया है। रिमाॅडलिंग टेल 27 हजार बुर्जी होने पर गांव बिडौला के लगभग 800-900 एकड़ जमीन बंजर होने से बच सकती है और इस जमीन में माइनर का पानी लग सकता है।
सिंचाई विभाग कार्यालय में पहुंचे किसानों का कहना है कि उन्होंने अधिकारियों से कई बार मिलकर बुर्जी नहीं घटाने की मांग की है, लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है। बिडौला माइनर की लगभग साढ़े तीन करोड़ की लागत से रिमाॅडलिंग हो रही है, जिसका 16 मई को प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने शुभारंभ किया था। रिमाॅडलिंग पर बिडौला माइनर की टेल 27 हजार बुर्जी से घटाकर 21 हजार बुर्जी कर दी है, जिससे बिडौला के किसानों को सिंचाई के लिए नुकसान हो जाएगा है।
किसान सुनील बिडौला, ओमप्रकाश, महावीर, आजाद, मायराम, रामकुमार, राजकुमार, राजेश आदि ने किसानों ने बताया कि जमीन का पानी खारा होने के कारण गांव बिडौला के लिए यह माइनर वरदान साबित हो रहा है। अगर माइनर की बुर्जी कम कर दी गई तो किसानों की जमीन बंजर हो जाएगी।
किसानों ने मांग की है कि बिडौला माइनर की रिमाॅडलिंग टेल तक होनी चाहिए और गांव के जलघर व जोहड़ भी इसके साथ जोड़े जाए ताकि किसान खेतों में सिंचाई व गांव में पीने के पानी की भी कमी न रहे। बिडौला माइनर से हटाकर जमीन को दूसरे छपार सब माइनर से जोड़ दिया गया था जिसमें केवल एक मोगा लगा है और लगभग 150 एकड़ जमीन ही सिंचित हो पा रही है। बिडौला माइनर की बुर्जी कम कर टेल घटाने से किसानों की कई एकड़ जमीन पर सिंचाई का साधन नहीं बचेगा। ग्रामीणों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को गांव में आकर फिजिकल वैरिफिकेशन करने की मांग की है।
एसडीओ ने कहा
सिंचाई विभाग के एसडीओ प्रमवीर सिंह ने कहा कि बुर्जी को कम उच्चाधिकारियों द्वारा किया गया है। जो बिडौला माइनर की टेल कम हुई और उसके नीचे जो जमीन आती थी वह दूसरे माइनर से जोड़ दी है।