नारनौल, 16 जनवरी (हप्र)
बीते कुछ दिनों से जिला का न्यूनतम और अधिकतम तापमान हरियाणा में सबसे कम दर्ज किया जा रहा है। दूसरी तरफ क्षेत्र में पड़ रही कड़ाके की ठंड के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। अस्पतालों में खांसी, बुखार व जुकाम से पीड़ित मरीज भारी संख्या में पहुंच रहे हैं। रविवार को जिला में महेंद्रगढ़ का न्यूनतम तापमान 6.1 डिग्री और अधिकतम तापमान 10.0 डिग्री सेल्सियस रहा, जो कि प्रदेश में सबसे ठंडा रहा। वहीं नारनौल में न्यूनतम तापमान 6.2 डिग्री और अधिकतम तापमान 11.4 डिग्री सेल्सियस के साथ प्रदेश में दूसरे स्थान पर बना रहा।
डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा अस्पताल
चरखी दादरी (निस) : जिस तरह से कोरोना महामारी के केस लगातार बढ़ रहे हैं, उससे इलाक़े के अस्पतालों में इंतज़ाम भी नाकाफी नज़र आ रहे हैं। चरखी दादरी के नागरिक अस्पताल में चिकित्सकों की भारी कमी देखी जा रही है। स्टाफ की कमी से जूढ रहे अस्पताल में वैक्सीन के सहारे कोरोना से जंग जीतने की कोशिश हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के पास 30 से अधिक वेंटिलेटर का प्रबंध जरूर है लेकिन न तो जनरल फिजिशियन है और न ही वेंटिलेटर ऑपरेट करने के लिये अन्य स्टाफ। एक फिजिशियन की नियुक्ति जरूर हुई है लेकिन हर दिन बढ़ रहे बुखार-खांसी के मामले डरा रहे हैं। इधर नागरिक अस्पताल के बारे में सीएमओ डॉ. सुदर्शन पंवार ने बताया कि कोरोना से बचाव को लेकर विभाग द्वारा व्यापक प्रबंध किए जा रहे हैं। एक फिजिशियन की नियुक्ति हो गई है और बाकी चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए मुख्यालय से पत्र व्यवहार किया गया है। हालांकि कुछ कर्मियों को वेंटिलेटर चलाने का प्रशिक्षण भी दिया गया है।
दमा, सांस के रोगियों की बढ़ी परेशानियां
नूंह/मेवात (निस) : बीते हफ्ते से पड़ रही कड़ाके की ठंड के बीच ज़िले में हृदय, अस्थमा और सांस के मरीजों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं। वहीं संबंधित बीमारियों के इलाज व आपात स्थिति के लिये ज़िला अस्पताल में कोई खास सुविधा नहीं है। हालांकि, गैर सरकारी स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़े लोगों ने जिले में हृदय रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यहां हार्टकेयर सेंटर व दिल से संबंधित विशेषज्ञों की तैनाती की शासन-प्रशासन से गुहार लगाई है। बता दें कि आपात स्थिति होने पर मरीज को प्राथमिक सुविधा उपलब्ध नहीं मिल पाती और उन्हें मजबूरन दिल्ली, गुरूग्राम, अलवर, पलवल, रेवाड़ी का रुख करना पड़ता है।