दिनेश भारद्वाज
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 21 दिसंबर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा गुरुग्राम में खुले में नमाज़ पढ़ने से इनकार करने का मुद्दा मंगलवार को भी विधानसभा में उठा। शून्यकाल के दौरान नूंह विधायक आफताब अहमद ने इस मुद्दे पर सरकार पर धर्म के नाम पर राजनीति करने के आरोप जड़े। उन्होंने कहा कि संविधान में सभी धर्मों के लोगों को पूजा-पाठ, अरदास और नमाज़ पढ़ने के अधिकार हैं। सभी धर्मों के लोगों कर रक्षा करना मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है।
विवाद बढ़ता देख सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ‘हमने किसी को पूजा-पाठ और नमाज़ अदा करने से नहीं रोका। लेकिन खुले में शक्ति प्रदर्शन करना सही नहीं है। पूजा-पाठ, अरदास व नमाज के लिए मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारे व धार्मिक जगह तय हैं। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम में खुले में नमाज़ को लेकर कुछ लोग विरोध कर रहे थे। हम भाईचारा और आपसी सौहार्द बनाए रखना चाहते हैं।’उन्होंने कहा कि गुरुग्राम डीसी की इस बाबत स्थानीय लोगों से बातचीत चल रही है। वहां पार्क या किसी भी सार्वजनिक जगह को धार्मिक कार्यों के लिए चिह्नित किया जा सकता है। इस पर आफताब अहमद ने कहा कि वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी पर लोगों ने अवैध कब्जे किए हुए हैं। सरकार को चाहिए कि इन्हें कब्जा मुक्त करवाया जाए ताकि वहां लोग नमाज़ पढ़ सकें। सीएम ने कहा कि कब्जों की जानकारी सरकार को दें, उन्हें कब्जा मुक्त करवाया जाएगा।