एनएसयूआई अध्यक्ष को मुख्यमंत्री से नहीं मिलने दिया, दिनभर रखा डिटेन
कांग्रेस मुद्दे को प्रशासन के समक्ष उठाएगी : जिलाध्यक्ष देवेंद्र
प्रतापनगर में पिछले दिनों हुए बस हादसे को लेकर एनएसयूआई सोमवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को मिलकर ज्ञापन देना चाहती थी। एनएसयूआई के पदाधिकारी अस्पतालों में एम्बुलेंस की कमी, ग्रीन बसों में विद्यार्थियों के पास मान्य न होने तथा छात्राओं से जुड़ी अन्य समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री को अवगत कराना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें मिलने नहीं दिया।
जानकारी के अनुसार पुलिस ने एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष आर्यन पंवार को एक साथी के साथ काफी देर तक बैठाये रखा। आर्यन गुज्जर ने बताया कि प्रशासन ने उन्हें एक दिन पहले आश्वासन दिया था कि वे मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सकेंगे, लेकिन मंगलवार को बिना किसी कारण बताए सुबह 10 बजे उन्हें और मयंक गुज्जर को पुलिस ने बैठा लिया। उन्होंने कहा कि उन्हें शाम को छोड़ा गया।
उन्होंने कहा कि प्रतापनगर हादसे के दौरान घायल छात्रों को समय पर मदद नहीं मिल सकी, क्योंकि अस्पताल में एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं थीं। वहीं, ग्रीन बसों में छात्रों के पास स्वीकार न किए जाने से भी विद्यार्थियों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छात्राओं की सुरक्षा और परिवहन से जुड़े मुद्दे भी गंभीर हैं, जिन्हें वे मुख्यमंत्री के समक्ष रखना चाहते थे। एनएसयूआई ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक अधिकारों पर रोक बताया है। संगठन का कहना है कि भाजपा सरकार आवाज उठाने वालों को दबा रही है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
कांग्रेस के जिला अध्यक्ष शहरी देवेंद्र सिंह ने कहा है कि यह बड़ी चिंता की बात है। लोकतंत्र में ऐसा नहीं होना चाहिए। उन्होंने सभी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात कहने का अधिकार है। ऐसे किसी को जबरन रोकना सरासर ग़लत है। देवेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर प्रशासन से मिलेगी।
वहीं, पुलिस चौकी बूडिया गेट जगाधरी गुरदयाल सिंह का कहना है कि ला एंड आर्डर के चलते ऐसा किया जाता है।

