अब दादरी, हिसार व भिवानी में पहुंचेगा यमुना का पानी
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 23 फरवरी
हरियाणा के चरखी दादरी, भिवानी और हिसार के जिला के किसानों को अब सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा। इन जिलों में यमुना का पानी पहुंचाया जाएगा। पाइप लाइन के जरिये यह पानी इन जिलों में पानी पहुंचाया जाएगा। इतना ही नहीं, यमुना से बारिश के दिनों में अतिरिक्त पानी राजस्थान भी भेजा जाएगा। इसके लिए राजस्थान सरकार द्वारा पाइप लाइन बिछाई जाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बजट भाषण में जब राजस्थान को यमुना का पानी देने की घोषणा की तो पूर्व स्पीकर और बेरी विधायक डॉ़ रघुबीर सिंह कादियान व कांग्रेस के अन्य विधायकों ने इसका विरोध किया। कांग्रेस ने राजस्थान सरकार के साथ किए गए समझौते को रद्द करने की भी मांग की। मुख्यमंत्री ने दो-टूक कहा, समझौता रद्द नहीं किया जाएगा। 17 फरवरी को नई दिल्ली में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में इसके लिए दोनों राज्यों के बीच सहमति बनी थी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा की मौजूदगी में यह एग्रीमेंट हुआ था। दरअसल, मानसून के दिनों में अतिरिक्त पानी की आपूर्ति करने का ही समझौता हुआ है। इन दिनों में पानी का प्रवाह 24 हजार क्यूसिक से अधिक हो जाता है। थोड़े समय के लिए उपलब्ध होने वाले इस पानी को संग्रहित किया जाएगा और पानी की कमी वाले दादरी, भिवानी व हिसार जिलों में पाइप लाइन के जरिये भेजा जाएगा। इससे बाढ़ की संभावना भी कम रहेगी। सिंचाई एवं जल संसाधन क्षेत्र के लिए 6 हजार 247 करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटित किया है। पिछले बजट के 4 हजार 772 करोड़ के मुकाबले इस बार 30.90 प्रतिशत की बढ़ोतरी बजट में की है। इसी तरह गैर-मानसून अवधि के दौरान पश्चिमी जमुना नहर वाहक प्रणाली को आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए 6000 क्यूसिक की क्षमता का एक नया समानांतर पक्का चैनल निर्माणाधीन है। 465 करोड़ रुपये के निवेश से संवर्धन नहर और समानांतर दिल्ली ब्रांच की क्षमता में वृद्धि पर काम चल रहा है।
अब नहीं देना पड़ेगा आबियाना
ब्रिटिश शासन के समय से ही किसानों को नहरी पानी की आपूर्ति पर आबियाना लगाया जाता रहा है। सरकार ने नहरी पानी पर निर्भर किसानों को राहत देने के लिए पहली अप्रैल, 2024 से आबियाना बंद करने का निर्णय लिया है। इससे 4299 गांवों के किसानों को लगभग 140 करोड़ रुपये का एकमुश्त लाभ होगा। इतना ही नहीं, इन किसानों को सालना भी 54 करोड़ से अधिक की राहत मिलेगी।
गुरुग्राम-मेवात की बुझेगी प्यास
गुरुग्राम और मेवात क्षेत्र में पानी की समस्या के समाधान के लिए 2 परियोजनाएं बनाई हैं। इनमें गुरुग्राम जलापूर्ति चैनल की रि-मॉडलिंग और मेवात फीडर पाइप लाइन परियोजनाएं शामिल हैं। ये जिला नूंह, गुरुग्राम, मानेसर और बहादुरगढ़ शहरों तथा नए विकसित हो रहे औद्योगिक क्षेत्रों - आईएमटी मानेसर, सोहना, खरखौदा, बहादुरगढ़ और धारूहेड़ा तथा आसपास के गांवों की वर्ष 2050 तक की पेयजल की मांग को पूरा करेगी। इन परियोजनाओं की मौजूदा क्षमता 175 क्यूसिक से बढ़ाकर 686 क्यूसिक की जाएगी। इन दो परियोजनाओं पर 3028 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। यह कार्य अगस्त तक शुरू होने की संभावना है।
एसवाईएल निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए
पूर्व के बजट की तरह इस बार भी सरकार ने एसवाईएल नहर निर्माण के लिए 100 करोड़ बजट में रखे हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा हरियाणा के हक में फैसला देने के बाद भी नहर निर्माण शुरू नहीं हो पाया है। सरकार यमुना नदी और उसकी सहायक नदियों पर अप-स्ट्रीम भंडारण बांधों को पूरा करवाने की कोशिश में जुटी है। इसी के तहत 2023-24 के दौरान सरकार ने रेणुका और लखवार व्यासी बांध के निर्माण क लिए राज्य के हिस्से के रूप में 173 करोड़ रुपये जमा करवाए हैं।