करनाल, 9 जुलाई (हप्र)
क्लाईमेट चेंज से बिगड़ी जैव विविधता के ताने-बाने को ठीक करने के लिए करनाल में अनूठी पहल शुरू की है। जीटी रोड सेक्टर-4 से आगे मिट्टी से भरी पड़ी पुरानी बादशाही नहर पर 40 प्रजातियों के चौड़ी पत्ती वाले पौधे लगाए जा रहे हैं। वन विभाग को पौधे लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि जो पौधे लगाए जाएंगे, उनमें से कितने जीवित हैं, उनकी हर महीने रिपोर्ट भी देनी होगी। वन विभाग इनकी देखरेख भी करेगा। माना जा रहा है कि अगर योजना पर काम हुआ तो अगले कुछ वर्षों में 40 एकड़ का यह एरिया हरे-भरे वृक्षों से गुलजार होगा। अभियान के तहत हरियाली महोत्सव के तहत पहले दिन 600 से अधिक पौधे रोपित किए गए। सबसे पहले डीसी अनीश यादव ने वट का एक पौधा लगाया और उसके बाद वन विभाग के अतिरिक्त प्रधान मुख्य संरक्षक एमएल राजवंशी तथा स्कूल से आए बच्चों ने भी एक-एक पौधा लगाया। इसे ऑक्सी वन का नाम दिया गया है यानि चौड़ी पत्ती वाले वृक्ष अन्य पेड़-पौधों की तुलना में अधिक ऑक्सीजन छोड़ते हैं।डीसी अनीश यादव ने कहा कि वन विभाग लाखों की संख्या में पौधे लगाने का लक्ष्य रखता है लेकिन उनमें से कितने जीवित रहते हैं, इस बात का अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है। विभाग हो या व्यक्तिगत सबकी जिम्मेदारी बनती है कि वे लगाए गए पौधे की एक बच्चे की तरह देखभाल करें।
पुरानी बादशाही नहर की है 82 एकड़ जमीन : पुरानी बादशाही नहर की करनाल शहर में 82 एकड़ जगह है और यह 60 से 80 मीटर चौड़ी है। अभी 40 एकड़ में पौधरोपण किया जाएगा और उसके बाद शेष जमीन में भी पौधे लगाकर उसे वन के अधीन किया जाएगा। ऐसे वन में 8-9 तरह की वाटिकाएं बनाई जाएंगी, जिनमें कृष्ण वाटिका, ऋषि वाटिका, तपोवन, मनोहर वन, चितवन और नीर वन विकसित किए जाएंगे। नीर वन में देश के अंदर पाई जाने वाली कमल की 24 प्रजातियां पानी में लगाई जाएंगी।