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अब लैप्स नहीं होगा अनुसूचित जातियों के लिए जारी फंड

हरियाणा सरकार कर रही है निधि प्रबंधन के लिए कानून की तैयारी
कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी
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 हरियाणा में अनुसूचित जातियों के लिए जारी फंड अब बर्बाद नहीं होगा। सरकार ने इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए ‘अनुसूचित जाति विकास निधि योजना’ और संबंधित वित्तीय संसाधनों के सही इस्तेमाल को सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस कानून के लागू होने के बाद न केवल निधि का पूरा उपयोग सुनिश्चित होगा, बल्कि अनुसूचित जातियों के लिए संचालित योजनाओं का जमीनी स्तर पर सही क्रियान्वयन भी होगा।

अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक पहुंचे।हरियाणा अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम अनुसूचित जाति वर्ग के आर्थिक उत्थान के लिए काम करता है। निगम द्वारा व्यापार, उद्योग और कृषि संबंधी योजनाओं के लिए ऋण और वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके अलावा, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के सहयोग से सूक्ष्म वित्त योजनाओं का संचालन भी होता है। कई बार अनुसूचित जाति विकास निधि का पूरा उपयोग नहीं होता, जिससे पात्र लाभार्थियों तक मदद नहीं पहुंच पाती।

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इसी मुद्दे को विधानसभा के मानसून सत्र में कालांवाली से कांग्रेस विधायक शीशपाल केहरवाला ने उठाया था। सामाजिक न्याय और अधिकारिता, अनुसूचित जातियां एवं पिछड़े वर्ग कल्याण और अंत्योदय मंत्री कृष्ण बेदी ने कहा कि सरकार इस दिशा में कानून बनाने पर विचार कर रही है। इससे सुनिश्चित होगा कि अनुसूचित जातियों के लिए जारी फंड का पूरा इस्तेमाल किया जा सके।

वित्त वर्ष 2025-26 में मिली मदद

अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम ने वित्त वर्ष 2025-26 में जुलाई तक 426 लाभार्थियों को 3.25 करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता प्रदान की है। इसमें लगभग 32 लाख रुपये की सब्सिडी भी शामिल है। निगम ने बताया कि विभिन्न श्रेणियों में दिए गए ऋण से लाभार्थी अपने कारोबार और स्वरोजगार स्थापित कर सकते हैं।

 

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