शिक्षा विभाग में अब पढ़ा जाएगा कर्मियों का चेहरा
शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग द्वारा जारी आदेशों में साफ कहा गया है कि नयी तकनीक के साथ किसी भी स्तर पर लापरवाही या उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह फैसला प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ाने और कार्यप्रणाली को चुस्त-दुरुस्त बनाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। इस फैसले के बाद कर्मचारियों की उपस्थिति का रियल-टाइम रिकॉर्ड होगा।
विभाग के अनुसार, परंपरागत बायोमेट्रिक मशीनों में तकनीकी दिक्कतें, बार-बार अंगूठा लगाने से होने वाली खराबी और गलत उपस्थिति की शिकायतें बढ़ रही थीं। इन समस्याओं के समाधान के लिए एईबीएएस टीम द्वारा एक खास सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है, जो आधार के ऑथेंटिकेशन सिस्टम के साथ इंटीग्रेटेड है। इसके कारण उपस्थिति तुरंत सर्वर पर रिकॉर्ड होगी। किसी प्रकार की छेड़छाड़ की गुंजाइश नहीं रहेगी। गलत हाजिरी, दूसरों से लगवाई गई उपस्थिति और फर्जी एंट्री पर लगाम लगेगी। नयी प्रणाली की गाइडलाइन हरियाणा अटेंडेंस पोर्टल पर उपलब्ध करवा दी गई है, जिससे सभी कार्यालय इसे सुचारू रूप से लागू कर सकें।
माना जा रहा है कि आधार आधारित फेस रिकॉग्निशन सिस्टम के लागू होने से हरियाणा शिक्षा विभाग डिजिटल और पारदर्शी प्रशासन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा रहा है।
विभाग ने स्पष्ट किया है कि अधिकारी और कर्मचारी सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक अपने निर्धारित कार्यालय में मौजूद रहेंगे। फेस रिकॉग्निशन के माध्यम से हाजिरी केवल कार्यालय में बैठकर ही लगाई जा सकेगी, जिससे यह तय होगा कि कर्मचारी अपने ड्यूटी स्टेशनों पर समयबद्ध तरीके से उपलब्ध रहें।
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जिला मुख्यालयों को निर्देश
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी डीईओ, बीईओ, एससीईआरटी, गुरुग्राम तथा अन्य शाखाओं को निर्देश भेजे हैं कि वे अपग्रेड हाजिरी सिस्टम को तुरंत प्रभाव से लागू करें। यह सुनिश्चित करना भी उनकी जिम्मेदारी होगी कि सभी कर्मचारी नयी प्रणाली को अपनाएं और किसी प्रकार की तकनीकी बाधा आने पर तुरंत रिपोर्ट करें।
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नये सिस्टम से क्या बदलेगा
यह सिस्टम लागू होने के बाद 100 प्रतिशत सटीक उपस्थिति डेटा तैयार होगा। फरलो और अनुचित अनुपस्थिति पर रोक लगेगी। प्रबंधन और कार्यालय कार्य में पारदर्शिता आएगी। पारंपरिक बायोमेट्रिक मशीनों की तकनीकी गड़बड़ियों से मुक्ति मिलेगी। कर्मचारियों के कार्य व्यवहार की बेहतर मॉनिटरिंग की जा सकेगी। विभाग का कहना है कि यह व्यवस्था न केवल प्रशासनिक क्षमता बढ़ाएगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि कर्मचारी वहां मौजूद रहें जहां उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है यानी अपने कार्यालयों में।
