अम्बाला शहर, 16 जुलाई (हप्र)
भारी बरसात और ऊपरी इलाकों से आए पानी की वजह से जलभराव वाले क्षेत्रों में बीमारियों को फैलने से रोकना और बचाव करना सबसे चुनौतीपूर्ण काम बन गया है। जलभराव की चपेट में आने से खाद्य पदार्थ, फर्श, दीवारें, कपड़े आदि बुरी तरह से खराब हो चुके हैं। मच्छरों की फौज लोगों को काटने लगी है, जिससे कई बीमारियां फैलने का खतरा पैदा हो गया है। चारों ओर वातावरण दूषित हो चुका है और कहीं-कहीं तो पानी में बहकर आए मृत जानवर तक पड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जलभराव से प्रभावित शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में राहत कार्य युद्धस्तर पर शुरू किया है। कैंपों के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उपलब्ध करवाया जा रहा है तथा जल के कारण होने वाली बीमारियों से बचाव बारे में भी उन्हें प्रेरित किया जा रहा है।
सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा जलभराव प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य कैंपों का आयोजन किया जा रहा है। विभाग की मोबाइल टीमों द्वारा प्रभावित गांवों में घर-घर लोगों को बताया जा रहा है कि पीने के 20 लीटर पानी में हैलोजेन टेबलेट की 1 गोली को पीस कर डालें और उस पानी को एक घंटे बाद प्रयोग में लायें। इसी प्रकार जलभराव प्रभावित स्थानों में रुके हुए पानी से होने वाली बीमारियों से बचाव हेतु ब्लीचिंग पाउडर का प्रयोग करें।
यही नहीं जिन घरों में पानी निकल गया है वहां रहने से पहले सफाई की विधि को विस्तारपूर्वक बताया जा रहा है ताकि कोई बीमारी न फैल सके। इसके लिए पहले 20 लीटर पानी में 250 ग्राम ब्लीचिंग पाउडर लेकर घोल बनाकर पोछा लगाने और फिर 3 घंटे बाद स्वच्छ जल से पौछा लगाने को कहा जा रहा है। जलभराव के पानी के संपर्क में आई खाद्य वस्तुओं को न खाने की सलाह दी जा रही है। जो फ्रिज 6 घंटे से ज्यादा समय से बंद है, लोगों को उसमें रखे खाद्य पदार्थों का सेवन भी न करने की सलाह दी जा रही है। इसके अतिरिक्त जलभराव प्रभावित कपड़ों को भी कीटाणु अच्छी तरह धोकर ही पहनने, खाना बनाने से पहले हाथ अच्छी तरह धोन एवं उबले पानी में ही खाना बनाने की सलाह दी जा रही है। मच्छर जनित बीमारियों से से बचने के लिए पूरे बाजू के कपड़े पहनने , मच्छररोधक क्रीम एवं मच्छरदानी का प्रयोग करने की सलाह दी जा रही है। लोगों को जलभराव के पानी के सम्पर्क में आई दवाइयों को भी नष्ट करने को कहा गया है।