Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

अब खेल प्रमाण-पत्रों पर ‘आधार स्टैम्प’, फर्जीवाड़ा होगा बंद

डिजिटल पहचान से धोखाधड़ी पर लग सकेगी रोक
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
खनन मंत्री कृष्ण लाल पंवार
Advertisement
हरियाणा ओलंपिक एसोसिएशन (एचओए) ने प्रदेश में खेल प्रमाण-पत्रों में पारदर्शिता लाने के लिए कड़ा कदम उठाया है। अब किसी भी खिलाड़ी को ग्रेडेशन/मैरिट सर्टिफिकेट जारी होने पर उसकी जन्म-तिथि, आधार कार्ड नंबर और माता-पिता के नाम अनिवार्य रूप से दर्ज किए जाएंगे। यह फैसला उस समय आया है जब निदेशालय की जांच में 2018 से 2022 के बीच जारी 76 संदिग्ध सर्टिफिकेट मिले। इनमें से 27 ‘ग्रेड-सी’ थे और बाकी ‘ग्रेड-डी के।

सरकारी नौकरियों में खेल कोटे से होने वाले फायदों को ध्यान में रखते हुए यह कदम बड़े मायने रखता है। एचओए के महासचिव व विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि अब कोई भी सर्टिफिकेट बिना उपरोक्त पहचान विवरणों के वैध नहीं माना जाएगा। इस नई प्रणाली का उद्देश्य सिर्फ कागजी शर्तें बढ़ाना नहीं है बल्कि आधार नंबर के जरिए खिलाड़ी-पहचान को आसानी से व तेज़ी से वेरिफाई करना है ताकि फर्जी प्रमाणपत्र बनने और उनका दुरुपयोग करने वालों के रास्ते बंद हों।

Advertisement

एचओए अध्यक्ष कैप्टन जसविंद्र सिंह ‘मीन बेनीवाल’ ने कहा है कि आधार को जोड़ने से पारदर्शिता बढ़ेगी और जांच में लगने वाला समय बचेगा। खेल विभाग ने जांच के दायरे में आने वाले खिलाड़ियों की सूची 15 जिलों के जिला खेल अधिकारियों को भेजी है। इनमें भिवानी, चरखी दादरी, फरीदाबाद, फतेहाबाद, हिसार, झज्जर, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, नारनौल, पलवल, पानीपत, रोहतक और सोनीपत शामिल हैं।

Advertisement
×