गुरुग्राम, 27 अक्तूबर (हप्र)
हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (हरेरा) की गुरुग्राम बैंच ने 24 से अधिक रियल एस्टेट एजेंट्स का फोरेंसिक ऑडिट कराने का फैसला लिया है। इनके खिलाफ यह कार्रवाई विक्रेता व खरीददार से मनमाना कमीशन वसूलने के कारण की जाएगी। हरेरा ऐसे एजेंट्स पर भी नजर रख रहा है जो डेवेलपर या प्रमोटर से पूर्व निर्धारित कीमत पर बड़ी संख्या में यूनिट्स खरीदकर स्वयं के निर्धारित दामों पर इन्हें बेचने का कार्य करते हैं।
हरेरा की गुरुग्राम बैंच ने शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए प्रॉपर्टी डीलर्स को खरीददार व विक्रेता से मनमाना शुल्क वसूलने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का फैसला लिया है। साथ ही हरियाणा प्रॉपर्टी डीलर्स एवं कंसल्टेंट्स विनियामक नियम 2009 में निर्धारित से अधिक कमीशन लेने पर सभी प्रमोटरों और ब्रोकर्स को प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है। नियमानुसार संपत्ति के विक्रेता एवं खरीददार द्वारा भुगतान के लिए सहमत मूल्य पर सिर्फ एक प्रतिशत कमीशन का प्रावधान है। यानी खरीददार व विक्रेता को आधा-आधा प्रतिशत का भुगतान करना होता है, लेकिन प्रचलन इसके विपरीत है। प्रॉपर्टी डीलर या ब्रोकर्स, प्रोमोटर्स के साथ सांठगांठ करके विक्रेता और खरीदार दोनों से निर्धारित कमीशन से अधिक मनमाना शुल्क वसूल रहे हैं। आरोप है कि संपत्ति के मूल्य का 5 से 10 प्रतिशत तक कमीशन एजेंट द्वारा वसूला जा रहा है और इस अतिरिक्त कमीशन का बोझ आवंटी द्वारा शेयर किया जाता है। हरेरा ने इसे नियमों के खिलाफ मानते हुए इसकी उलंघना को जुर्म की श्रेणी में रखा है। आरोप है कि रियल एस्टेट एजेंट व ब्रोकर नई परियोजनाओं के विज्ञापन जारी करने में भी शामिल हैं जो आम जनता को गुमराह कर रहे हैं। अब तय किया गया है कि प्रॉपर्टी डीलर्स के खातों की अतिरिक्त पुस्तकों को संरक्षित किया जाएगा ताकि यह जांच की जा सके कि कमीशन कानून के अनुसार वसूल किया जा रहा है या नहीं। इससे लेनदेन का रिकॉर्ड भी रखा जा सकेगा जिसे खरीददार और ब्रोकर्स के बीच विवाद होने के मामले में प्राधिकरण द्वारा जारी किया जा सकता है।
क्या बोले चेयरमैन
हरेरा-गुरुग्राम बैंच के चेयरमैन केके खंडेलवाल ने कहा कि प्रॉपर्टी डीलर्स के लिए आचार संहिता निर्धारित की जा रही है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वे ऐसे मानदंडों का पालन करें जिससे ब्रोकर किसी भी अनुचित व्यापार प्रक्रिया में संलिप्त न हों। प्राधिकरण के नोटिस में यह भी आया है कि कुछ प्रॉपर्टी डीलर्स किसी विशेष मानक या ग्रेड की सेवाओं को गलत तरीके से दर्शा रहे हैं और परियोजना की सेवाओं के संबंध में गलत प्रचार कर रहे हैं।
कानूनी शिकंजे में फंस सकते हैं कई ब्रोकर
संपत्ति की अवैध बिक्री में संलिप्त ब्रोकर्स व प्रॉपर्टी डीलर्स का पंजीकरण रद्द कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जिन ब्रोकर्स व प्रॉपर्टी डीलर्स के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं उनके पंजीकरण को रद्द करने सहित उनके लाइसेंस वापिस लेने के लिए डीसी से सिफारिश की जाएगी। हरेरा के सदस्य एससी कुश ने बताया कि आचार संहिता में रियल एस्टेट परियोजना और इकाइयों के विवरण को एक ऐसी जगह पर प्रदर्शित करना अनिवार्य करने का प्रस्ताव है जहां उन द्वारा बिक्री की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने बताया कि वहीं इस मामले में प्रोमोटर्स को विवरणिका एवं विज्ञापन में ब्रोकर्स का विवरण देने के लिए भी कहा जाएगा।