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अब संगठन को लेकर चंडीगढ़ में खुद पहुंचेंगे राहुल

हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी पर पार्टी नेतृत्व का कड़ा नोटिस
राहुल गांधी। -फाइल फोटो
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दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू चंडीगढ़, 28 मई लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हरियाणा में कांग्रेस की गुटबाजी की वजह से लटके संगठन गठन का जिम्मा अब अपने हाथों में ले लिया है। प्रदेश में जिलाध्यक्षाें की नियुक्ति के लिए पर्यवेक्षक (ऑर्ब्जवर) बनाए गये 21 नेताओं के साथ वह चंडीगढ़ में अहम बैठक करेंगे। अभी तक के तय कार्यक्रम के अनुसार, राहुल पहली जून को चंडीगढ़ में होंगे। राहुल के निर्देशों के बाद ही गत दिवस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दूसरे राज्यों के 21 नेताओं को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था। राहुल की बैठक में पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी बीके हरिप्रसाद, प्रदेशाध्यक्ष चौ. उदयभान, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राष्ट्रीय महासचिव कुमारी सैलजा व रणदीप सिंह सुरजेवाला, सांसद दीपेंद्र हुड्डा, जयप्रकाश ‘जेपी’, वरुण चौधरी, सतपाल ब्रह्मचारी, पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय सिंह यादव सहित अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे। यह बैठक पूरी तरह से संगठनात्मक चुनाव को लेकर होगी। इसीलिए बैठक में सभी 21 पर्यवेक्षकों को भी बुलाया गया है। पार्टी की ओर से जगदीश ठाकरे, मनिकम टगौर, प्रो. वर्षा गायकवाड़, डॉ. अमर सिंह, जीसी चंद्रशेखर, गिरीश चोदंकर, काजी निजामुद्दीन, विजय इंद्र सिंगला, लालजी देसाई, चल्ला वामशी चंद रेड्डी, कुलजीत सिंह नागरा, जय सिंह अग्रवाल, रफीक खान, भुवन कापड़ी, विनोद सुल्तानपुरी, प्रकाश जोशी, मनोज चौहान, क्रिस्टोफर तिलक, जगदीश जांगिड़, श्रीनिवास बीसी और अमित विज को पर्यवेक्षक बनाया गया है।

11 वर्षों से संगठन नहीं

2014 में फूलचंद मुलाना की जगह डॉ. अशोक तंवर को प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था। तंवर ने आते ही संगठन को भंग कर दिया था। वह करीब छह वर्षों तक प्रधान रहे, लेकिन संगठन का गठन नहीं कर सके। इसके बाद कुमारी सैलजा प्रदेशाध्यक्ष रहीं, लेकिन वह चाहकर भी प्रदेश में संगठन खड़ा नहीं कर सकीं। वर्तमान प्रदेशाध्यक्ष चौ. उदयभान भी जिला व ब्लाॅक अध्यक्षों के साथ-साथ प्रदेश स्तर पर संगठन गठन की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन उनकी कोशिशें भी गुटबाजी के चलते सिरे नहीं चढ़ पाईं।

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जिलावार जाएंगे पर्यवेक्षक

पार्टी नेतृत्व ने पहले जिलाध्यक्षों की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय पर्यवेक्षकों की जिलावार ड्यूटी लगाई जाएगी। माना जा रहा है कि इनके सहयोग के लिए स्थानीय स्तर पर भी एक-एक नेता को जिलावार इनके साथ लगाया जा सकता है। केंद्रीय पर्यवेक्षक, जिलाध्यक्ष पद के लिए योग्य और मजबूत चेहरों की तलाश करेंगे। फील्ड से फीडबैक लेने के बाद वे केंद्रीय नेतृत्व को अपनी रिपोर्ट देंगे। राहुल गांधी इसीलिए बैठक में आ रहे हैं ताकि उन्हें जिलाध्यक्ष चयन के लिए निर्धारित फार्मूले के बारे में बताया जा सके।

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