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अब आरटीई के तहत सभी बच्चों को मुफ्त पढ़ाने को तैयार प्राइवेट स्कूल!

सरकार की बेरुखी पर निजी स्कूलों की पहल

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शैक्षणिक सत्र 2025-26 का आधा हिस्सा बीत चुका है, मगर हरियाणा के निजी स्कूलों को अब तक आरटीई के तहत दाखिला लिए बच्चों की प्रतिपूर्ति राशि नहीं मिली है। शिक्षा विभाग की इस उदासीनता से नाराज़ होकर हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने सरकार को सीधी चुनौती दी है। संघ का कहना है कि अगर विभाग तय फीस का भुगतान समय पर करे, तो स्कूल 25 प्रतिशत नहीं, बल्कि सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा देने को तैयार हैं।

प्राइवेट स्कूल संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने कहा कि आरटीई के तहत प्रत्येक मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूल को 25 प्रतिशत सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित करनी होती हैं। मगर छह महीने बीत जाने के बाद भी सरकार की ओर से प्रतिपूर्ति राशि जारी नहीं की गई है। स्थिति यह है कि गरीब बच्चों को दाखिला देने वाले स्कूलों पर इनाम की बजाय जुर्माना लगाया जा रहा है। यह शिक्षा विभाग की बेरुखी और नीति विफलता का स्पष्ट उदाहरण है।

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2808 स्कूलों का एमएमएस पोर्टल बंद, दाखिले ठप

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प्रदेश वरिष्ठ उपप्रधान संजय धतरवाल (डीसीएम बिठमरा) और अशोक कुमार (रोहतक) ने कहा कि करीब 2808 स्कूलों का एमएमएस पोर्टल कई महीनों से बंद पड़ा है। इससे इन स्कूलों में बच्चों के ऑनलाइन दाखिले नहीं हो पा रहे हैं। इनमें कई स्कूल ऐसे हैं जिनकी मान्यता 31 मार्च 2025 तक ही थी या कुछ बंद हो चुके हैं, जबकि कई गैर-मान्यता प्राप्त स्कूल अब भी संचालित हैं। प्रदेश सचिव प्रदीप पूनिया चानौत और कुलदीप यादव (ढाना खुर्द) ने बताया कि इस लापरवाही के चलते हजारों बच्चों का भविष्य अधर में लटक गया है। उन्होंने कहा कि कई स्कूलों ने समय रहते जानकारी दी थी, लेकिन ब्लॉक और जिला स्तर के अधिकारियों की सुस्ती के कारण कार्रवाई नहीं हो सकी।

फीस के आधार पर जुर्माने की मार

प्रांतीय महासचिव पवन राणा सालवन और रणधीर पूनिया टोहाना ने बताया कि शिक्षा विभाग ने स्कूलों पर फीस के हिसाब से भारी जुर्माने ठोके हैं। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों की मासिक फीस 1000 रुपये तक है, उन पर 30 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है। तीन हजार रुपये तक फीस लेने वाले स्कूलों पर 70 हजार रुपये का जुर्माना लगा है। वहीं छह हजार रुपये तक फीस लेने वाले स्कूलों पर एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा छह हजार रुपये से अधिक फीस वाले स्कूलों की सूची प्रमाण पत्रों सहित निदेशालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि महानिदेशक मौलिक शिक्षा विभाग उन्हें निजी सुनवाई का अवसर दे सके।

1128 स्कूलों पर कार्रवाई

संघ के प्रेस सचिव सलिंदर शास्त्री जयसिंहपुरा और राजबीर ढाका रोहतक ने बताया कि 1128 मान्यता प्राप्त स्कूलों को विभिन्न आधारों पर अस्वीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि एक हजार रुपये तक फीस लेने वाले स्कूलों पर पांच हजार रुपये जुर्माना, दो हजार रुपये तक फीस लेने वालों पर दस हजार रुपये, तीन हजार रुपये तक फीस लेने वाले स्कूलों पर पंद्रह हजार रुपये का दंड लगाया गया है।

जल्दी कदम उठाए सरकार

प्राइवेट स्कूल संघ ने मुख्यमंत्री नायब सैनी और शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से मांग की है कि आरटीई के तहत लंबित प्रतिपूर्ति राशि तुरंत जारी की जाए, स्कूलों पर लगे मनमाने जुर्माने वापस लिए जाएं और बंद पड़े एमएमएस पोर्टल को तत्काल खोला जाए। संघ का कहना है कि अगर सरकार वाकई “सबको शिक्षा” की बात करती है तो उसे निजी स्कूलों को साझेदार बनाना होगा, विरोधी नहीं।

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