चंडीगढ़, 19 मार्च (ट्रिन्यू)
हरियाणा में किसी भी प्रकार के कानून की उल्लंघना करने के मामलों का सामना कर रहे किशोरों को अब कानूनी जांच प्रक्रिया से लेकर केस निपटान होने तथा जरूरतमंद बालकों की देखभाल आदि चुनौतियां खत्म होंगी। रविवार से प्रदेश में एकीकृत बाल संरक्षण परिसर की शृंखला के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो रही है। इससे प्रदेश में न केवल ऐसे किशोरों को रखने में कम क्षमता को लेकर आड़े आ रही जगह की कमी का निवारण होगा, अपितु सुरक्षा संबंधी जोखिम भी खत्म होंगे।
हरियाणा में अपराध करने तथा कानूनन दोषी करार दिए जाने के बाद किशोरों को अलग-अलग श्रेणी के अनुसार विभिन्न गृहों में रखने की व्यवस्था की जाती है। विशेष गृह में दोषी करार दिए गए किशोर को, सुरक्षित गृह में गंभीर अपराध में दोषी करार दिए गए (16 साल से 18 साल) किशोर को तथा देखभाल और संरक्षण की श्रेणी में आने वाले बालकों को बाल देखभाल संस्थान में रखा जाता है।