ललित शर्मा/हप्र
कैथल, 19 जुलाई
कुष्ठ रोग से लड़ रहे लाचार लोगों पर अब ‘सरकारी अत्याचार’ हो रहा है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ये लोग दिव्यांग पेंशन लेते हैं, इसलिए 1100 रुपये मासिक राशनमनी नही दी जाएगी। असाध्य रोग के चलते कुष्ठ रोगी कोई काम धंधा भी नहीं कर पाते। मजदूरी भी इनके वश में नहीं। ये लोग 100 प्रतिशत सामाजिक संस्थाओं और सरकार की दया दृष्टि पर आश्रित हैं। अब राशनमनी न मिलने से इनके सामने रोटी का संकट पैदा हो गया है।
इस संबंध में कुष्ठ रोगियों- रविन्द्र पांडे, गंगाराम, सीधीराम, भीम आदि का कहना है कि राशनमनी की शुरुआत ही क्यों की। असल में सरकार ने 11 जनवरी, 2022 को एक पत्र लिखकर हिन्द कुष्ठ निवारण संघ को कह दिया कि अब प्रदेश के कुष्ठ रोगियों को राशनमनी का भुगतान नहीं होगा। बता दें कि प्रदेश में कुष्ठ रोगियों के लिए सरकार की ओर से रोहतक, करनाल, जगाधरी और अम्बाला शहर में चार कालोनियां बनाई गयीं। इसी प्रकार कैथल की सामाजिक संस्था सेवा संघ ने कुष्ठ रोगियों के लिए एक अलग बस्ती बनाई। इसी प्रकार गन्नौर, सोनीपत, पानीपत, गुरुग्राम, हिसार, सिरसा आदि जगहों पर कुष्ठ रोगी रह रहे हैं। अब करीब 321 कुष्ठ रोगियों की राशन मनी बंद होने से इन्हें रोटी के लाले पड़ गए हैं। आज कुष्ठ लाचार आश्रम इंदिरा चक्रवर्ती ग्राम हांसी रोड करनाल में आज 55 कुष्ठ रोगी हैं। उनके आवास की देखरेख एनजीओ माता प्रकाश कौर श्रवण एवं वाणी विकलांग केंद्र करता है। चिकित्सा व्यवस्था सिविल अस्पताल करनाल ने संभाली है।
समाजसेवियों ने उठाई मांग, संस्थाओं ने ली जिम्मेदारी
समाजसेवी दविन्दर सचदेवा ने प्रदेश के समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव तथा जिला उपायुक्त करनाल के सामने मामला उठाया था। उन्होंने राशन मनी को शुरू कने के लिए मुख्यमंत्री से भी गुहार लगाई है। उधर, सेवा संघ के संस्थापक एवं महासचिव शिव शंकर पाहवा बताते हैं कि 1996 में 23 कुष्ठ परिवार कच्ची झोपड़ियों में रहते थे। आवारा पशुओं से ये सब परेशान थे। तब संस्था ने झोपड़ियों के चारों ओर कंटीली तारें लगाने का काम किया। संस्था के प्रयास से नगर के दो समाज सेवियों- चन्द्रगुप्त शोरेवाला और हुक्मचंद बंसल ने सेवा संघ को कुष्ठ सेवा आश्रम बनाने के लिए जमीन दान की। वर्ष 1999 में तत्कालीन डीसी डॉ. महाबीर व संत महात्माओं के सहयोग से कुष्ठ सेवा आश्रम का शिलान्यास हुआ और वर्ष 2001 में तत्कालीन राज्यपाल बाबू परमानंद ने सेवा संघ कुष्ठ सेवा आश्रम को लोकार्पित किया।
‘हम नियमों से बंधे हैं, मदद की हरसंभव कोशिश’
इस बारे में जब माता प्रकाश कौर श्रवण एवं वाणी निशक्तजन कल्याण केन्द्र के सहायक निदेशक एवं हिन्द कुष्ठ निवारण संघ जिला करनाल के सचिव दिनेश सिंह से बात की गई तो उन्होंने समाज सेवी संस्थाओं से आह्वान किया कि वे कच्चा राशन दान दें। राशनमनी बंद करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ‘हम भी सरकार के नियमों में बंधे हुए हैं। फिर भी हमारा प्रयास रहेगा कि इन कुष्ठ रोगियों की किसी न किसी रूप में मदद जरूर हो सके।’