चंडीगढ़, 16 फरवरी (ट्रिन्यू)
प्रदेश की तहसीलों में भूमि रजिस्ट्रेशन में धांधली को रोकने के लिए राजस्व विभाग ने पुख्ता प्रबंध शुरू कर दिए हैं। कंट्रोल्ड एरिया के पूरे भूमि रिकार्ड को कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है। इतना ही नहीं, एक सॉफ्टवेयर भी तैयार किया है, जिसके बाद अर्बन एरिया डेवलेपमेंट एक्ट के नियम-7ए के तहत एनओसी (अनापत्ति प्रमाण-पत्र) की जरूरत ही नहीं होगी। सॉफ्टवेयर खुद-ब-खुद बताएगा कि संबंधित भूमि रजिस्ट्रेशन के लिए एनओसी की जरूरत है या नहीं।
इतना ही नहीं, एनओसी के लिए डीटीपी (जिला नगर योजनाकार) और पटवारियों के चक्कर भी नहीं काटने पड़ेंगे। कोरोना काल में जमीनों के रजिस्ट्रेशन में नियम-7 ए के उल्लंघन के मामलों को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। इसका मास्टर प्लान तैयार हो चुका है और जल्द ही इसे लागू किया जाएगा। कंट्रोल एरिया में जमीन की रजिस्ट्री का मामला जब तहसीलदार और नायब-तहसीलदार के पास पहुंचेगा तो कंप्यूटर में किला और मुरब्बा नंबर डालते ही पूरा रिकार्ड डिस्पले हो जाएगा। तहसीलदार को सॉफ्टवेयर से ही पता लगे जाएगा कि एनओसी की जरूरत है या नहीं। संबंधित जमीन कंट्रोल्ड एरिया की है या इससे बाहर की। यही नहीं, जमीन किस नेचर की है यानी खेती की है, रिहायशी है, गांव/शहर की है या फिर कमर्शियल है, इसकी भी पूरी जानकारी सॉफ्टवेयर के जरिये पता लगेगी। अगर किसी मामले में एनओसी चाहिए तो ऑनलाइन तरीके से ही डीटीपी के पास इसकी सूचना जाएगी।
संबंधित डीटीपी को समयबद्ध तरीके से एनओसी पर फैसला करना होगा। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके दास ने यह पूरा प्लान बनाया। सीएम मनोहर लाल खट्टर तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री होने के नाते डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी इस पर मुहर लगा चुके हैं। नियम-7ए में 2016 में बदलाव हुआ था। इसके बाद 2017 से अगस्त-2021 के बीच हुई रजिस्ट्रियों में 60 हजार के करीब केस में नियमों का उल्लंघन मिला है।
250 अफसरों को मिल चुके हैं नोटिस
अभी तक सरकार राजस्व विभाग के 250 से अधिक अधिकारियों को नोटिस जारी कर चुकी है। अकेले करनाल व गुरुग्राम मंडल के अंतर्गत आने वाले गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, पानीपत, कैथल व करनाल जिला में ऐसे करीब 30 हजार केस हैं। बाद के चार मंडलों फरीदाबाद, रोहतक, हिसार व अम्बाला में भी धांधली के इतने ही केस हैं। इन मंडलों के अंतर्गत आने वाले सोलह जिलों के रेवन्यू अधिकारियों को अगले दस दिन बाद नोटिस जारी होंगे।